अपने घर का सपना हर किसी का होता है, लेकिन आर्थिक रूप से कमजोर लोग अक्सर इसे साकार नहीं कर पाते। नरेंद्र मोदी सरकार ने ऐसे लोगों के सपनों को साकार करने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी (पीएमएवाई-यू) शुरू की है। यह योजना शहरी गरीबों और मध्यम वर्गीय परिवारों के लिए किफायती घर उपलब्ध कराने में सहायक है। हाल ही में केंद्र सरकार ने इस योजना के उन्नत संस्करण प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 को मंजूरी दी है।

प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी के तहत अब तक 88 लाख घर वितरित

केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के राज्यमंत्री तोखन साहू ने राज्यसभा में जानकारी दी कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत 18 नवंबर 2024 तक 1.18 करोड़ से अधिक घरों को मंजूरी दी गई है। इनमें से 88.02 लाख घर लाभार्थियों को सौंपे जा चुके हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बाकी घर निर्माण के विभिन्न चरणों में हैं। इस योजना का उद्देश्य 25 जून 2015 से शहरी गरीबों को पक्के घर उपलब्ध कराना है।

सरकार ने शहरी क्षेत्रों में गरीब और मध्यम वर्ग के लोगों को सस्ती कीमतों पर घर उपलब्ध कराने के लिए पीएमएवाई-यू 2.0 ‘हाउसिंग फॉर ऑल’ मिशन शुरू किया है। यह मिशन 1 सितंबर 2024 से लागू किया गया है। इसमें चार प्रमुख घटक शामिल हैं:

1. लाभार्थी आधारित निर्माण (बीएलसी)

2. साझेदारी में किफायती आवास (एएचपी)

3. किफायती किराया आवास (एआरएच)

4. ब्याज सब्सिडी योजना (आईएसएस)

29 राज्यों ने प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 में शामिल होने पर जताई सहमति

अब तक 29 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस योजना को लागू करने के लिए सहमति व्यक्त की है। इस योजना के तहत पात्र लाभार्थियों को घर खरीदने, बनाने या किराए पर लेने में सहायता प्रदान की जा रही है। केंद्रीय सरकार राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के प्रयासों में सहयोग कर रही है।

प्रधानमंत्री आवास योजना ने लाखों लोगों को घर का सपना पूरा करने का अवसर दिया है। इस योजना के अनुभवों और सफलता से सरकार शहरी विकास में नया अध्याय लिख रही है। पीएमएवाई-यू 2.0 के जरिए हर शहरी गरीब को छत देने का सपना तेजी से पूरा किया जा रहा है।

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