Social Media पर इन दिनों एक पोस्ट तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें दावा किया गया है कि केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाकर 62 वर्ष कर दी गई है। इस खबर ने सोशल मीडिया यूजर्स के बीच हलचल मचा दी है। आइए जानते हैं इस दावे की सच्चाई और क्या वाकई ऐसा कोई फैसला लिया गया है।

Social Media पर वायरल पोस्ट का दावा

वायरल पोस्ट में यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार ने अपनी कैबिनेट बैठक में एक अहम निर्णय लिया है, जिसके तहत केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र को 60 से बढ़ाकर 62 वर्ष कर दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि यह बदलाव 1 अप्रैल 2025 से लागू होगा। पोस्ट में यह भी कहा गया है कि इस फैसले का मुख्य उद्देश्य देश की बढ़ती जीवन दर और राष्ट्रीय विकास को देखते हुए अनुभवी कर्मचारियों की जरूरत को पूरा करना है। इसके अलावा, पेंशन बोझ को नियंत्रित करने के लिए यह कदम उठाया गया है।

फैक्ट चेक: क्या यह खबर सही है?

हालांकि यह खबर Social Media पर तेजी से फैल रही है, लेकिन PIB (प्रेस इंफोर्मेशन ब्यूरो) ने इस दावे को पूरी तरह से गलत करार दिया है। PIB ने अपनी फैक्ट चेक यूनिट के माध्यम से स्पष्ट किया है कि केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने का कोई भी फैसला नहीं लिया है। PIB ने यह भी कहा कि बिना किसी आधिकारिक पुष्टि के ऐसे संदेशों को साझा नहीं करना चाहिए।

PIB ने Social Media पर एक बयान जारी कर कहा, "यह दावा फर्जी है और भारत सरकार ने ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया है। कृपया बिना सत्यता की जांच किए इस तरह की खबरें साझा न करें।"

ऐसे करें फर्जी खबरों की पहचान

अगर आप भी ऐसे संदिग्ध संदेशों का सामना करते हैं, तो आप उनकी सत्यता जांचने के लिए PIB की फैक्ट चेक वेबसाइट https://factcheck.pib.gov.in पर जाकर जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, आप +918799711259 पर व्हाट्सएप के जरिए भी मैसेज भेज सकते हैं। PIB की ईमेल ID pibfactcheck@gmail.com पर भी आप संदेश भेजकर सत्यता जांच सकते हैं।

इसलिए अगली बार जब भी आप Social Media पर ऐसी खबरों का सामना करें, तो उसकी पुष्टि जरूर करें और बिना जांचे खबरें साझा करने से बचें।

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