India-EFTA Trade Agreement: केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को यह घोषणा की कि भारत और यूरोपीय मुक्त व्यापार संघ (ईएफटीए) के चार देशों के बीच व्यापार और आर्थिक भागीदारी समझौता (टीईपीए) आधिकारिक रूप से 01 अक्टूबर, 2024 से लागू होगा। यह समझौता भारत की व्यापारिक दृष्टि में एक महत्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इससे निवेश और बाजार पहुंच के लाभ मिलेगें।

India-EFTA Trade Agreement: प्रत्यक्ष विदेशी निवेश आकर्षित करने की योजना

India-EFTA Trade Agreement पर 10 मार्च, 2024 को हस्ताक्षर किए गए थे। मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि इस समझौते से दोनों पक्षों के बीच व्यापार, निवेश और व्यावसायिक साझेदारी को बढ़ावा मिलेगा। टीईपीए के तहत, भारत में 100 अरब डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) आकर्षित करने की योजना है, जिसके लिए एक समर्पित भारत-ईएफटीए डेस्क की स्थापना की गई है। यह डेस्क भारत सरकार और निजी क्षेत्र की कंपनियों के लिए 'एकल खिड़की मंच' के रूप में कार्य करेगा, जिससे ईएफटीए-आधारित निवेशकों को भारत के तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में प्रवेश करना आसान हो जाएगा।

ईएफटीए में चार यूरोपीय देश शामिल

आइसलैंड, लिकटेंस्टीन, नॉर्वे, और स्विट्जरलैंड। यह संगठन एक क्षेत्रीय व्यापार संगठन के रूप में कार्य करता है, जहाँ सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार को बढ़ावा दिया जाता है। टीईपीए से अपेक्षित है कि यह बड़े पैमाने पर प्रत्यक्ष विदेशी निवेश को आकर्षित करेगा और भारत और ईएफटीए देशों के बीच व्यापार और आर्थिक सहयोग को गहरा करेगा।

ईएफटीए ने भारत के लिए 100 अरब अमेरिकी डॉलर के निवेश का वादा किया है, जो दोनों पक्षों के लिए फायदेमंद साबित होगा। समझौते के कार्यान्वयन से भारत में विभिन्न क्षेत्रों में विकास होगा, विशेषकर बुनियादी ढाँचा, प्रौद्योगिकी, और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में।

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केंद्रीय मंत्री ने दी पूरी जानकारी

India-EFTA Trade Agreement की महत्ता को समझते हुए, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह एक ऐतिहासिक क्षण है, जो भारत-ईएफटीए संबंधों को मजबूत करेगा और भारत की वैश्विक व्यापार रणनीति में एक नया आयाम जोड़ेगा। मंत्री ने यह भी कहा कि टीईपीए का उद्देश्य न केवल आर्थिक लाभ प्रदान करना है, बल्कि यह दोनों पक्षों के बीच स्थायी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण में भी सहायक होगा। इस प्रकार, टीईपीए का आगाज़ भारत के आर्थिक विकास और वैश्विक व्यापार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की दिशा में एक कदम है।

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