भारत के डिजिटल पेमेंट्स इकोसिस्टम में एक बड़ा बदलाव हुआ है। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने PhonePe और Google Pay के लिए बाजार हिस्सेदारी को सीमित करने की समयसीमा को दो साल के लिए बढ़ा दिया है। इसके साथ ही WhatsApp Pay के लिए 10 करोड़ यूजर्स की सीमा भी समाप्त कर दी गई है। यह कदम न केवल प्रमुख थर्ड-पार्टी ऐप्स को राहत देगा, बल्कि नए प्लेयर्स के लिए बाजार में अवसर भी खोलेगा।
PhonePe और Google Pay की बादशाहत कायम
PhonePe और Google Pay ने नए प्रतिस्पर्धियों की एंट्री के बावजूद बाजार पर अपनी मजबूत पकड़ बनाए रखी है। PhonePe के पास 48% और Google Pay के पास 37% बाजार हिस्सेदारी है। 2020 में NPCI ने एक नियम लागू किया था, जिसके तहत किसी भी थर्ड-पार्टी ऐप की बाजार हिस्सेदारी 30% से अधिक नहीं होनी चाहिए। यह नियम सिंगल-पॉइंट फेल्योर के जोखिम को कम करने के उद्देश्य से लाया गया था।
हालांकि, PhonePe ने यस बैंक पर रोक लगने के बाद अपने लेनदेन में आई भारी गिरावट के बावजूद मजबूती से वापसी की। वहीं, Paytm जैसी कंपनियों को RBI के एक्शन के कारण बाजार में अपनी स्थिति बनाए रखने में चुनौतियों का सामना करना पड़ा। दूसरी ओर, Navi, Cred, और BHIM जैसे नए ऐप्स तेजी से उभर रहे हैं।
BHIM ऐप को मिलेगा नया जीवन
BHIM ऐप, जिसे नोटबंदी के दौरान डिजिटल क्रांति का प्रतीक माना गया था, ने अपनी शुरुआती रफ्तार खो दी थी। लेकिन NPCI अब इसे नई रणनीति और एक अलग डिवीजन के तहत आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने की योजना बना रहा है। यह कदम BHIM को नए सिरे से पहचान दिलाने में मदद करेगा।
दिसंबर 2024 तक, UPI ने कुल 1,613 करोड़ लेनदेन दर्ज किए, जिनकी कुल राशि 22.3 लाख करोड़ रुपये थी। इंडस्ट्री एक्सपर्ट्स का मानना है कि UPI जल्द ही रोजाना 1 अरब लेनदेन का लक्ष्य हासिल कर सकता है।
पेमेंट इंडस्ट्री में अब नई रणनीतियां उभर रही हैं। बैंक और कंपनियां UPI के जरिए बड़े मर्चेंट्स से मामूली शुल्क लेकर बड़े पैमाने पर राजस्व कमा सकती हैं। वहीं, छोटे प्लेयर्स को भी अपनी स्थिति मजबूत करने का मौका मिलेगा।
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