Petrol-diesel price:भारत में आयात किए जाने वाले कच्चे तेल की कीमतों में पिछले पांच सालों में अब तक की सबसे बड़ी गिरावट देखने को मिली है. इस समय कच्चे तेल (Petrol-diesel price) के आयात पर 70 डॉलर प्रति बैरल खर्च हो रहा है. साल 2021 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि कच्चे तेल (Petrol-diesel price) के ऊपर इतने कम पैसे चुकाने पड़ रहे हैं. विगत सोमवार की बात की जाए तो बेंट क्रूड 65 डॉलर से भी नीचे चला गया, जिसके बाद पेट्रोल और डीजल (Petrol-diesel price) के दामों में कमी की राहत आमजन को मिल सकती है.

पिछले साल से 22 प्रतिशत कम में खरीदा गया कच्चा तेलः

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट में बताया गया है कि शुक्रवार को कच्चे तेल (Petrol-diesel price) के आयात पर औसत रूप से 69.39 डॉलर प्रति बैरल खर्च हुआ है, जो पिछले साल से लगभग 22 प्रतिशत कम है. हालांकि आधिकारिक डेटा को अभी अपडेट नहीं किया जा सका है.

कच्चे तेल की कीमतों में भारी कमीः

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आने वाले दिनों में वैश्विक रफ्तार में कमी और ट्रेड वॉर की तनाव के बीच मांग में कमी के चलते कच्चे तेल की कीमतों में आने वाले समय में भी कमी देखने को मिलेगी, ऐसे में आसार हैं कि भारत सरकार की ओर से लोगों को पेट्रोल और डीजल के दामों में (Petrol-diesel price)

रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक GOLDMAN SACHS ने इस साल कच्चे तेल की औसत कीमत 63 डॉलर प्रति बैरल रहने की उम्मीद है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि तेल निर्यात देशों के संगठन ओपेक ने इस साल और अगले साल के लिए तेल की मांग में कमी का अनुमान लगाया है.

पेट्रोलियम मंत्री ने Petrol-diesel price को लेकर कही ये बातः

पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में बढ़ोत्तरी का ऐलान करते हुए केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने 7 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेस के दौरान कहा था कि तेल कंपनियों ने 45 दिनों का स्टाक रखा, इस दौरान उन्हें प्रति बैरल 75 डॉलर का खर्च हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि जब इसकी कीमत घटकर 60 से 65 डॉलर प्रति बैरल आ जाएगी, इसके बाद ही तेल कंपनियों की कीमतों में कमी का विकल्प मौजूद रहेगा.

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