भारत सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम यानी PSU को लेकर एक अहम फैसला लिया है। अगर किसी पीएसयू कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाता है तो उसे रिटायरमेंट के बाद के फायदे अब नहीं मिलेंगे। कार्मिक मंत्रालय ने Pension Rule में बदलाव कर दिया है और New Pension Rule लागू कर दिया है।
New Pension Rule : निकाले जानें पर नहीं मिलेगी पेंशन
भारत सरकार ने केंद्रीय सिविल सेवा नियम 2021 में बदलाव कर दिया है। इसको लेकर 22 मई को कार्मिक मंत्रालय ने नोटिफाई किया। New Pension Rule के अनुसार, अगर कोई पीएसयू कर्मचारी गलत काम करने की वजह से नौकरी से निकाला जाता है तो उसे रिटायरमेंद के बाद मिलने वाले फायदों का लाभ नहीं मिलेगा। इसका सीधा सा मतलब है कि उसे ग्रेच्युटी और पेंशन जैसे लाभ नहीं मिलेंगे।
इस वजह से लिया फैसला
कार्मिक मंत्रालय ने New Pension Rule को इसलिए लागू किया है कि सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम यानी पीएसयू में काम करने वाले कर्मचारी पूरी जिम्मेदारी से अपना काम करें। अगर किसी भी कर्मी को नौकरी से निकाला जाता है तो संबंधित मंत्रालय इस फैसले की समीक्षा करेगा। मंत्रालय यह जांच किया गया है कि संबंधित कर्मचारी को निकाले जाने का फैसला सही था या नहीं, अगर उसे लगता है कि फैसला गलत था तो उसे बदलने का भी अधिकार उसके पास मौजूद है।
इन कर्मियों लागू नहीं होगा ये Rule
सरकार द्वारा लागू किया गया New Pension Rule उन कर्मचारियों पर लागू नहीं होगा, जो रेलवे कर्मचारी, दैनिक वेतनभोगी, आईएएस, आईपीएस या आईएफओएस अधिकारी हैं। जो पीएसयू कर्मचारी 31 दिसंबर 2003 को या इससे पहले नियुक्त किए गए हैं, उन कर्मचारियों पर यह नियम लागू होता है। सरकार का मानना है कि इस कदम से PSU कर्मचारियों के मन में डर पैदा होगा और गलत काम करने से बिल्कुल डरेंगे।
इससे पहले नियम था कि अगर किसी पीएसयू कर्मचारी को नौकरी से निकाला जाता था, उसके बाद भी रिटायरमेंट के बाद मिलने वाले सभी फायदों का वह हकदार होता था। हालांकि, नियम बदलने के बाद अब ऐसा नहीं होगा। कार्मिय मंत्रालय की मानें तो किसी भी कर्मचारी को पीएसयू में शामिल होने के बाद कदाचार के लिए सेवा से बर्खास्त या हटाने के बाद सेवानिवृत्ति के बाद मिलने वाले लाभ पूरी तरह जब्त हो जाएंगे।
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