भारत में Pegasus Spyware का जिन्न फिर से बाहर आ गया है और सुप्रीम कोर्ट ने इसके कथित गैरकानूनी इस्तेमाल की जांच से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई की डेट तय कर दी है। इसके बाद फिर से Pegasus Spyware की चर्चा जोरों पर होने लगी है। आइए आपको बताते हैं कि क्या है पेगासस और कैसे इसके जरिए लोगों की जासूसी की जाती है।

Pegasus Spyware से भारतीय राजनीति में मचा था भूचाल

Pegasus Spyware को लेकर भारतीय राजनीति में भूचाल आ चुका है। तमाम मीडिया रिपोर्ट्स में दावे किए गए कि इसका इस्तेमाल करके देश के वरिष्ठ पत्रकारों और लोगों के फोन में पेगासस को Install करके उनकी लगातार निगरानी की गई। इसको लेकर विपक्षी दलों ने जमकर सरकार की आलोचना की थी और उस पर आरोप मढ़ा था। हालांकि, मामला कोर्ट में पहुंचने के बाद मामला बिल्कुल शांत हो गया था।

जानिए क्या है Pegasus Spyware

Pegasus एक तरह का स्पाईवेयर या सर्विलांस सॉफ्टवेयर होता है और इसको इजरायल की सिक्योरिटी कंपनी एनएसओ ग्रुप ने डेवलप किया है। रिपोर्ट्स की मानें तो इसका इस्तेमाल करके किसी भी व्यक्ति के फोन को हैक किया जा सकता है। एक बार फोन में इसके इंस्टॉल होने के बाद संबंधित व्यक्ति की हर गतिविधि पर नजर रखी जा सकती है। इसी की वजह से पूरी दुनिया में यह सबसे खतरनाक Spywares की सूची में शामिल है।

ये खरीद सकते हैं Spyware

अगर आप भी सोच रहे हैं कि कोई भी व्यक्ति Spyware को पैसा देकर खरीद सकता है तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। इजरायल की सिक्योरिटी कंपनी एनएसओ इस स्पाईवेयर को सिर्फ सरकारों या सिक्योरिटी एजेंसियों को ही बेचा जाता है। हालांकि, भारत सरकार इसकी ग्राहक नहीं हैं। ऐसे में अभी तक यह अनसुलझी पहेली बनी हुई है कि किसने भारतीय पत्रकारों व अन्य लोगों के फोन में घुसकर उनकी जासूसी की।

कोर्ट में क्या हो रही सुनवाई

Spyware को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जो याचिका दाखिल की गई है, उसमें यह पता लगाने की मांग की गई है कि क्या सरकार ने लोगों की जासूसी करने की कोशिश की। इस मामले की सुनवाई की डेट अब 29 अप्रैल को तय की गई है। इस मामले में आगे क्या निकल कर आता है, यह देखने वाली बात है।

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