इलेक्ट्रिक टू-व्हीलर के मामले में काफी कम समय में लोगों की जुबान और दिल में उतरने वाली Ola Electric के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। पिछले दिनों कई ओला शोरूम्स को बंद करने व ओला स्कूटर की जब्ती के बाद अब SEBI ने इसके सेल्स डाटा की जांच शुरू कर दी है। इससे कंपनी की मुश्किलें काफी बढ़ने वाली हैं।

क्या है मामला

दरअसल, फरवरी महीने में कंपनी की Sales के डेटा में कथित तौर पर की गई गड़बड़ी की जांच मार्केट रेगुलेटर, सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड यानी सेबी द्वारा की जा रही है। बता दें कि यह जांच इसलिए शुरू की गई है क्योंकि Ola Electric की ओर से बताई गई सेल्स और वाहन पोर्टल पर कंपनी के व्हीकल्स के पंजीकरण में भारी अंतर था। यह मामला सामने आने के बाद जांच शुरू होने से कंपनी की मुश्किलें बढ़ गई हैं।

स्पष्टीकरण की भी हो रही जांच

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो फरवरी महीने के Sales Report को लेकर Ola Electric द्वारा जो स्पष्टीकरण पेश किया गया था, उसकी भी सेबी जांच कर रही है। कंपनी ने बताया था कि उसकी लगभग 25 हजार इलेक्ट्रिक व्हीकल्स की बिक्री हुई है, जबकि वाहन पोर्टल के कंपनी के सिर्फ 8,600 व्हीकल्स का ही रजिस्ट्रेशन दिखाई दे रहा था।

इसको लेकर कंपनी ने कहा कि यह रजिस्ट्रेशन के अस्थायी तौर पर लंबित होने का मामला है और कंपनी ने रजिस्ट्रेशन के प्रोसेस को संभालने वाले दो वेंडर्स के Contract को भी रद्द कर दिया था। डेटा में हेरफेर को लेकर हेवी इंडस्ट्रीज और रोड ट्रांसपोर्ट मिनिस्ट्रीज ने भी जानकारी मांगी थी।

महाराष्ट्र सरकार ने भी Ola Electric पर कसा शिकंजा

महाराष्ट्र सरकार भी Ola Electric पर काफी सख्त दिख रही है। पिछले दिनों ट्रेड सर्टिफिकेट में गड़बड़ी की आशंका को देखते हुए राज्य के 146 ओला शोरूम्स का निरीक्षण किया गया था। इस निरीक्षण में करीब 121 शोरूम बिना ट्रेड सर्टिफिकेट के संचालित होते पाए गए थे। गड़बड़ी मिलने के बाद 75 शोरूम्स को राज्य सरकार द्वारा बंद कर दिया गया था और बाकी को नोटिस जारी किया गया था।

इसको लेकर ओला इलेक्ट्रिक की जमकर किरकिरी हुई थी। इससे पहले Service और Quality में कमी को लेकर भी कंपनी को ग्राहकों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ा था और तमाम लोगों ने शोरूम्स के सामने विरोध प्रदर्शन भी किए थे।

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