28 May, 2025
BY: Komalमाजूफल एक शक्तिशाली आयुर्वेदिक औषधि है। यह कीड़ों के कारण ओक के पेड़ों पर बनने वाले पित्त से बनता है और अपने कसैले, जीवाणुरोधी, एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट गुणों के लिए जाना जाता है। आइए सरल भाषा में माजूफल के फायदे और इसे इस्तेमाल करने के टिप्स जानते हैं।
माजूफल पेट की समस्याओं जैसे दस्त, पेचिश और आंतों के रोगों में राहत देता है। इसका कसैला गुण पेट को मजबूत बनाता है। माजूफल के चूर्ण को दालचीनी के साथ मिलाकर लेने से बार-बार शौच और चिपचिपे मल की समस्या कम होती है। इसका काढ़ा रोजाना पीने से पाचन तंत्र मजबूत रहता है।
माजूफल का चूर्ण या काढ़ा मुंह के छालों, मसूड़ों में सूजन और दांतों से खून आने में कारगर है। अगर इसे फिटकरी या सुपारी के साथ टूथपेस्ट की तरह इस्तेमाल किया जाए तो सांसों की बदबू और छाले ठीक हो जाते हैं। यह दांत दर्द और पायरिया में भी आराम देता है।
माजूफल का पेस्ट त्वचा के घाव, मुंहासे, खुजली और झाइयों को ठीक करता है। इसे सिरके में मिलाकर चेहरे पर लगाने से निशान और झाइयां कम होती हैं। इसके एंटी-माइक्रोबियल गुण त्वचा को स्वस्थ और चमकदार बनाते हैं।
माजूफल के काढ़े से गरारे करने से गले की खराश और टॉन्सिलाइटिस में आराम मिलता है। बवासीर के दर्द और सूजन में इसके काढ़े से गुदा को धोने या लेप की तरह इस्तेमाल करें। यह जलन और दर्द को कम करता है।
माजूफल रक्त शर्करा को नियंत्रित करता है और मधुमेह रोगियों के लिए फायदेमंद है। इसका चूर्ण या काढ़ा घावों को जल्दी भरता है और खून बहना बंद करता है। यह मूत्र मार्ग के संक्रमण और बालों के झड़ने में भी कारगर है।
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