नई दिल्ली: National Payments Corporation of India (NPCI) और Institute for Development and Research in Banking Technology (IDRBT) ने गुरुवार को भारत के तेजी से बढ़ते डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में साइबर सुरक्षा को संयुक्त रूप से मजबूत करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए।
डिजिटल लेनदेन की बढ़ेगी सुरक्षा
इस साझेदारी का उद्देश्य प्रशिक्षण, जागरूकता और सक्रिय जोखिम प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित करके डिजिटल लेनदेन की सुरक्षा में सुधार करना है। NPCI के एमडी और सीईओ दिलीप असबे ने कहा कि IDRBT के साथ यह सहयोग प्रौद्योगिकी के साथ-साथ लोगों और तैयारियों के माध्यम से साइबर सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक कदम है।
NPCI और IDRBT के बीच MOU हुआ साइन
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रशिक्षण, प्रमाणन और साझा खुफिया जानकारी सुरक्षा मानकों को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। IDRBT के निदेशक डॉ दीपक कुमार ने कहा कि संस्थान ने हमेशा बैंकिंग और वित्त क्षेत्र को प्रौद्योगिकी अपनाने में मदद करने की दिशा में काम किया है। उन्होंने कहा कि यह औपचारिक साझेदारी सुरक्षा जागरूकता को बढ़ावा देगी और डिजिटल भुगतान पारिस्थितिकी तंत्र में एक मजबूत प्रतिक्रिया प्रणाली का निर्माण करेगी।
एमओयू के तहत, दोनों संगठन बैंकिंग और डिजिटल भुगतान क्षेत्र में प्रौद्योगिकी और साइबर सुरक्षा पेशेवरों के लिए संयुक्त रूप से विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम पेश करेंगे।
साइबर अटैक से सुरक्षा
ये कार्यक्रम साइबर सुरक्षा और डेटा गोपनीयता जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों को कवर करेंगे। साझेदारी के तहत एक नया NPCI-प्रमाणित भुगतान सुरक्षा प्रमाणन कार्यक्रम शुरू किया जाएगा। यह प्रमाणन उद्योग की नवीनतम आवश्यकताओं और विनियामक अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए डिज़ाइन किया जाएगा, जिससे पेशेवरों को नए खतरों और सर्वोत्तम प्रथाओं से अपडेट रहने में मदद मिलेगी।
इसके अतिरिक्त, IDRBT अपने साइबर थ्रेट इंटेलिजेंस सर्विस प्लेटफ़ॉर्म को NPCI और उसके साझेदार संगठनों तक विस्तारित करेगा। यह सेवा डिजिटल भुगतान नेटवर्क में साइबर हमलों को रोकने और रक्षा तंत्र को मजबूत करने के लिए वास्तविक समय में प्रासंगिक खतरे की खुफिया जानकारी प्रदान करेगी।
यह साझेदारी ऐसे समय में हुई है जब UPI जैसे डिजिटल भुगतान प्लेटफ़ॉर्म तेज़ी से बढ़ रहे हैं और भारत में इसका उपयोग बढ़ रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में, डिजिटल भुगतान में साल-दर-साल 35 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह प्रतिदिन 60.81 करोड़ लेनदेन तक पहुँच गया, जिसमें UPI का योगदान 83.73 प्रतिशत था।
यह भी पढे़ंः-Samsung Galaxy Z Flip 6: आधे दाम में मिल रहा प्रीमियम फोल्डेबल फोन, धड़ल्ले से हो रही बुकिंग