भारत संचार निगम लिमिटेड (BSNL) ने देश की पहली सैटेलाइट टू डिवाइस सर्विस को लॉन्च कर टेलीकॉम क्षेत्र में एक बड़ा कदम उठाया है। अब मोबाइल नेटवर्क की आवश्यकता के बिना फोन कॉल और SMS भेजने की सुविधा मिलेगी। दूरसंचार विभाग (DoT) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट के माध्यम से इसकी जानकारी साझा की।
अमेरिका की Viasat कंपनी के साथ BSNL की साझेदारी
इस नई तकनीक को साकार करने के लिए BSNL ने कैलिफोर्निया स्थित Viasat कंपनी के साथ साझेदारी की है। बीएसएनएल ने हाल ही में इंडियन मोबाइल कांग्रेस में इस तकनीक की झलक भी पेश की थी। कंपनी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें एक यात्री पहाड़ी इलाके में बिना नेटवर्क के BSNL की इस सेवा का इस्तेमाल करते हुए कॉल करता दिखता है।
इस सेवा को उपयोग करने के लिए डिवाइस में सैटेलाइट टू डिवाइस तकनीक का समर्थन होना अनिवार्य है। iPhone 14 ने इस तकनीक को पहली बार अपनाया था, जिसके बाद अन्य कंपनियां भी इसे अपनाने लगीं। BSNL ने इस सेवा का ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है और इसे जल्द ही आम जनता के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।
इमरजेंसी में भी काम आएगी यह सेवा
बीएसएनएल की यह सेवा खासकर इमरजेंसी परिस्थितियों में उपयोगी होगी। इसके जरिए न केवल कॉल और संदेश भेजे जा सकेंगे, बल्कि UPI पेमेंट्स भी संभव होंगे। Viasat के मुताबिक, यह सेवा धरती से 36,000 किलोमीटर की ऊंचाई पर स्थित L बैंड सैटेलाइट्स के माध्यम से संचालित होगी।
संचार मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में कहा कि एलन मस्क की स्टारलिंक भारत में उपग्रह ब्रॉडबैंड सेवाओं की योजना बना रही है। हालांकि, स्टारलिंक को अभी भारतीय सुरक्षा मानदंडों का पालन करना होगा। सभी मानदंड पूरे होने के बाद ही उसे लाइसेंस जारी किया जाएगा।
सैटकॉम का भविष्य और भारत में संभावनाएं
बीएसएनएल की इस पहल से सैटकॉम (सैटेलाइट कम्युनिकेशन) का भविष्य उज्ज्वल नजर आ रहा है। पारंपरिक मोबाइल सेवाएं जहां टेलीकॉम टावर पर निर्भर करती हैं, वहीं सैटकॉम तकनीक उपग्रहों के समूह का उपयोग कर सेवाएं प्रदान करती है।
यह सेवा भारत के दुर्गम इलाकों में कनेक्टिविटी को सुधारने में मील का पत्थर साबित हो सकती है। बीएसएनएल की सैटेलाइट टू डिवाइस सेवा न केवल दूरसंचार क्षेत्र में क्रांति लाएगी, बल्कि आपातकालीन सेवाओं में भी बड़ी भूमिका निभाएगी।
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