मार्केट में Noise Cancelling Headphones की काफी डिमांड है और इसे लोग जमकर यूज भी कर रहे हैं। अगर आप भी इसका का इस्तेमाल बराबर करते हैं तो आपको थोड़ा सतर्क होने की जरूरत है। अगर आप इसका ज्यादा इस्तेमाल करते हैं तो यह आपको बहरा भी बना सकता है या आपके सुनने की क्षमता को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है।

क्या है विशेषज्ञों की राय?

दरअसल, Headphone का इस्तेमाल करने वाले अधिकतर लोग इन हैडफ़ोन को ज्यादा पसंद करते हैं। यह आपके दिमाग और कानों पर काफी बुरा असर डाल सकते हैं। इससे युवाओं के बीच न्यूरोलॉजिकल समस्याएं (Neurological Problems) काफी तेजी से बढ़ रही हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि Noise Cancelling Headphones बाहरी आवाज को पूरी तरह रोक दे रहे हैं, जिसकी वजह से दिमाग की असल ध्वनि को पहचानने की क्षमता धीरे-धीरे खत्म होने लगती है। आइए जानते हैं कि Noise Cancelling Headphones किस तरह से आपके लिए नुकसानदायक है और इससे बचने के लिए आप क्या कदम उठा सकते हैं।

Noise Cancelling Headphones

Noise Cancelling Headphones के इस्तेमाल से बढ़े APD के मामले

ऑडियोलॉजिस्ट की मानें तो इन हैडफ़ोन के इस्तेमाल से पिछले कई वर्षों से तेजी से Auditory Processing Disorder (APD) के मामले बढ़ रहे हैं। इससे ग्रस्त होने पर दिमाग को ध्वनियों और शब्दों को समझने में कठिनाई होने लगती है। एक अन्य विशेषज्ञ की बातों पर गौर करें तो जब लोग ट्रेन या कार के हॉर्न जैसी बैकग्राउंड नॉइज (Background Noise) को पूरी तरह ब्लॉक कर देते हैं तो दिमाग आहिस्ता-आहिस्ता इन ध्वनियों को पहचानने की क्षमता खोने लगता है।

दरअसल, इन हेडफोन के इस्तेमाल से आदमी आर्टिफिशियल (Artificial) तरीके से बनाए गए इनवायरमेंट में होता है, जिसमें ज्यादा देर तक रहना काफी खतरनाक हो सकता है। इससे सबसे ज्यादा छात्र, किशोर व युवा वर्ग प्रभावित हो रहा है क्योंकि यह इस समय Noise Cancelling Headphones का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं।

Noise Cancelling Headphones से होने वाली समस्या से बचने के उपाय

अगर आप इन हेडफोन का इस्तेमाल करते हैं तो आपको कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। आपको आवाज नियंत्रित रखनी चाहिए। थोड़ी-थोड़ी देर पर ब्रेक लेना चाहिए। लोकल की जगह Quality Headphones का ही इस्तेमाल करना चाहिए। सुनने की स्थिति रखें यानी अगर बाहर से कोई आवाज आ रही है या कोई बुला रहा है तो आप उसे सुनने में सक्षम हों। इसके अलावा high-frequency और low-frequency के बीच बैलेंस जरूर बनाए रखें।

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