भारत सरकार ने टेलीकॉम सेक्टर में सुधार और विस्तार के उद्देश्य से एक नया नियम तैयार किया है, जिसे राइट ऑफ वे (RoW) नियम नाम दिया गया है। यह नियम 1 जनवरी 2025 से पूरे देश में लागू होगा। सरकार ने सभी राज्यों को निर्देश दिया है कि वे इस नियम को जल्द से जल्द अपनाएं ताकि टेलीकॉम नेटवर्क को मजबूत और आधुनिक बनाया जा सके।
ROW नियम के तहत 5G के विस्तार पर रहेगा फोकस
नए RoW नियम का मुख्य उद्देश्य ऑप्टिकल फाइबर लाइन और टेलीकॉम टावर लगाने की प्रक्रिया को आसान और तेज बनाना है। यह नियम विशेष रूप से 5G तकनीक को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है, ताकि देशभर में तेज़ और भरोसेमंद नेटवर्क तैयार किया जा सके। 5G के लिए नए टावर स्थापित करने और इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करने पर जोर दिया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2026 तक पूरे भारत में 5G को प्रभावी रूप से लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया था। इस नए नियम से उस लक्ष्य को प्राप्त करने में तेजी आने की उम्मीद है।
टेलीकॉम कंपनियों को मिलेगी बड़ी राहत
नए RoW नियम से Jio, Airtel, BSNL जैसी टेलीकॉम कंपनियों को बड़ा फायदा होगा। यह नियम टेलीकॉम ऑपरेटरों और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडरों के लिए लाइसेंस और परमिशन प्रक्रिया को सरल बनाएगा। इसके तहत कंपनियों को टेलीकॉम टावर या अन्य इंफ्रास्ट्रक्चर लगाने के लिए डिजिटल रिकॉर्ड रखने और अनुमति लेने में कम समय लगेगा।
राज्यों को 30 नवंबर तक की डेडलाइन
टेलीकॉम विभाग के सचिव नीरज मित्तल ने सभी राज्यों के सचिवों को निर्देश दिया है कि वे 30 नवंबर 2024 तक इस नियम को लागू करने की तैयारी पूरी करें। इसके बाद 1 जनवरी से RoW पोर्टल पर नए नियम लागू हो जाएंगे।
इससे पब्लिक और प्राइवेट प्रॉपर्टी पर टेलीकॉम टॉवर स्थापित करने के लिए मानक तय किए जा सकेंगे। साथ ही, सार्वजनिक सुरक्षा और इंफ्रास्ट्रक्चर को आधुनिक बनाने पर भी ध्यान दिया जाएगा।
देशभर में समान नीति की मांग
टेलीकॉम कंपनियों ने लंबे समय से देशभर में एक समान रॉ नीति लागू करने की मांग की थी। इस नीति के जरिए सरकार टेलीकॉम इंफ्रास्ट्रक्चर को मॉडर्न और सुरक्षित बनाने का काम करेगी। नए नियमों से डिजिटल कनेक्टिविटी में सुधार होगा और 5G नेटवर्क की स्थापना के लिए देश तैयार होगा।
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