दिल्ली में बढ़ते Pollution को देखते हुए Diesel-Petrol vehicle पर लगे बैन की तरह अब Mumbai में भी Diesel-Petrol वाहनों को बैन करने की तैयारी हो रही है। Maharashtra Government ने इसको लेकर 7 सदस्यीय पैनल गठित किया है, जो मुंबई महानगर में Diesel-Petrol वाहनों पर बैन लगाने के लिए संभावनाओं की तलाश करेंगे।

Diesel-Petrol vehicle पर सरकार की मंशा

महाराष्ट्र सरकार की मंशा है कि मुंबई महानगर में सिर्फ CNG और Electric Vechiles को ही चलाए जाने की अनुमति दी जाए, क्योंकि तेजी से महानगर में Pollution का स्तर बढ़ रहा है। ऐसे में दिल्ली की तर्ज पर महाराष्ट्र सरकार भी Diesel-Petrol vehicle पर बैन लगाने की संभावना तलाश रही है।

Diesel-Petrol vehicle वाहनों पर बैन के लिए रिसर्च करेगी टीम

महाराष्ट्र में Diesel-Petrol vehicle पर बैन लगाने के लिए IAS अधिकारी सुधीर कुमार श्रीवास्तव की अगुवाई में गठित पैनल इस पर गहराई से रिसर्च करेगी और तीन महीने के भीतर निष्कर्ष निकालेगी व सिफारिशों की रिपोर्ट भी सौंपेगी। 22 जनवरी को पारित किए गए सरकारी प्रस्ताव में कहा गया था कि समिति के पास रिसर्च करने व फीडबैक देने के लिए इस क्षेत्र के विशेषज्ञों को साथी सदस्यों के रूप में शामिल करने की क्षमता है।

हाईकोर्ट ने वाहनों को बताया था प्रदूषण का मुख्य कारण

9 जनवरी को हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका का स्वतः संज्ञान लेकर सुनवाई शुरू की थी। कोर्ट ने कहा कि शहर में बढ़ रहे Pollution का मुख्य कारण वाहन है। सरकार द्वारा Pollution को लेकर जो कदम उठाए जा रहे हैं, वह काफी नही हैं।

कोर्ट ने बढ़ते प्रदूषण और बढ़ती यातायात भीड़ पर भी चिंता जाहिर की थी। लिविंग स्टैंडर्ड और पर्यावरण पर इन मुद्दों के प्रभाव पर भी सवाल उठाए गए थे। कोर्ट की टिप्पणी के बाद ही सरकार की नींद खुली है और उसने कमेटी गठित कर Diesel-Petrol vehicle पर बैन लगाने की संभावना तलाशने को कहा है।

बता दें कि करीब दो दशक पहले भी वाहनों की वजह से बढ़ रहे प्रदूषण पर अध्ययन करने के लिए वीएम लाल समिति का गठन किया था। इस समिति को पॉल्यूशन के कारणों और पब्लिक हेल्थ पर उसके प्रभाव की पहचान कर रिपोर्ट सौंपने का काम दिया गया था।

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