महाराष्ट्र के नागपुर शहर में कैब सेवाओं को संचालित करने वाले Cab Drivers का गुस्सा बढ़ता ही जा रहा है। अपनी समस्याओं के समाधान के लिए उन्होंने सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।

चालकों का कहना है कि किराया संशोधन, कंपनी लाभ और बेहतर कार्य स्थितियों की मांगें अगर पूरी नहीं की जाती हैं तो वह सरकार कार्यालयों के सामने सड़कों पर अपनी कैब खड़ी करके चक्का जाम करने का भी कदम उठा सकते हैं। इस रस्साकस्सी के बीच रोजमर्रा के यात्रियों की मुश्किलें बढ़ गई हैं और लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।

उपेक्षा का आरोप

Cab Drivers ने अपनी मांगों को लेकर पिछले दिनों संविधान चौक पर विरोध प्रदर्शन किया है और सरकार से अविलंब हस्तक्षेप की मांग की है। प्रदर्शन में शामिल एक चालक ने कहा कि हमारी मांग किराया वृद्धि, सम्मानजनक कामकाजी माहौल और सुरक्षित आजीविका है। उनका कहना है कि एप्लीकेशन आधारित एग्रीगेटर कंपनियों, आरटीओ और यहां तक कलेक्टर कार्यालय में भी वह कई बार Complain दर्ज करा चुके हैं लेकिन लगातार उनकी उपेक्षा की जा रही है। यह चीज हमें कतई बर्दाश्त नहीं है।

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Insurance का भी नहीं मिल रहा लाभ

मांगों को लेकर चल रहे विरोध प्रदर्शन में शामिल Cab Drivers में से एक दीपक साने ने कहा कि कंपनियों ने शुरूआत के समय कोविड बीमा जैसे लाभ देने का वादा भी किया था लेकिन बाद में इन दावों से कंपनी मुकर गईं। बताया कि कोरोनाकाल के दौरान एक ड्राइवर की दुर्घटना में मौत हो गई, लेकिन कंपनी ने दुर्घटना नहीं बल्कि कोरोना संक्रमण बताते हुए इंश्योरेंस क्लेम को खारिज कर दिया।

इसके अलावा कैब ड्राइवर्स का कहना है कि स्थानीय कार्यालय बंद हैं और नागपुर रेलवे स्टेशन पर भी कोई निर्धारित पिकअप पॉइंट नहीं है, ऐसे में काफी परेशानी होती है। हम लोगों ने इसको लेकर आरटीओ से Taxi Booth बनाने का अनुरोध भी किया लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

Cab Drivers की ये हैं प्रमुख मांगे

Cab Drivers की प्रमुख मांगों की बात करें तो इसमें किराए को तर्कसंगत बनाना व मीटर कैब के बराबर किराया करने की बात है। बाइक टैक्सियों पर पूरी तरह रोक लगाई जाए और कैब व ऑटो परमिट की लिमिट तय हो। कैब और टैक्सी चालकों के कल्याण बोर्ड को एक्टिव किया जाए। महाराष्ट्र गिग वर्कर्स एक्ट लाया जाए।

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