Mukesh Ambani: पीएम नरेंद्र मोदी कैबिनेट ने इंडिया एआई मिशन को मंजूरी दे दी है जहां माना जा रहा है कि अब इस प्लेटफार्म को भारत में लाने की पूरी तरह से तैयारी की जा रही है. इसमें अलग-अलग स्टेज देखने को मिलेगी. सात मुख्य स्टेज में इसे बांटा गया है.

इसमें क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर सबसे आगे नजर आ रहे हैं और अब जिओ (Mukesh Ambani) भी इस लिस्ट में है. दूसरी तरफ अमेजॉन वेब सर्विस और जापानी एनटीटी भी यही नजर आ रही है. इस मिशन के लिए सरकार ने 10371.92 करोड़ का बजट रखा है और सरकार की यही मंशा है कि जल्द से जल्द इस मिशन को पूरा किया जाए.

Mukesh Ambani: टेलीकॉम कंपनियों में है टक्कर

इस वक्त देखा जाए तो स्पेक्ट्रम आवंटन को लेकर टेलीकॉम डिपार्टमेंट की तरफ से टेलीकॉम रेगुलेटर को रेफरेंस भेजा गया है जिसकी कीमत, लाइसेंस से संबंधित चीजों पर सलाह मांगी गई है. आपको बता दे इस प्रक्रिया पर सभी कंपनियां आमने-सामने नजर आ रही है. एलन मस्क की स्टरलिंक और अमेजॉन की क्यूपर भी इस लड़ाई में आगे है.

इतना ही नहीं जिओ, एयरटेल और वोडाफोन भी इसमें शामिल है. सभी कंपनी अपने सलाह दे रही है. वही एलन मस्क मौजूदा सिस्टम का विरोध कर रहे हैं जबकि रिलायंस जिओ (Mukesh Ambani) यह चाहती है कि स्पेक्ट्रम आवंटन में नीलामी का सहारा लेना चाहिए. भारत की कई टॉप टेलीकॉम कंपनियों का यही मानना है कि स्पेक्ट्रम आवंटन में सबसे बराबर ट्रीटमेंट किया जाए.

इस मामले में आगे है जिओ

अभी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के मामले में मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की जिओ आगे है क्योंकि आकाश अंबानी खुद इस पर काम कर रहे हैं और मुकेश अंबानी खुद इस प्रोजेक्ट को लेकर काफी ज्यादा उत्साहित है. देखा जाए तो स्टरलिंक, अमेजॉन जैसी कंपनी अपनी सुविधा को शहरी क्षेत्र में उपलब्ध कराना चाहते हैं जिसके पीछे बहुत सारी वजह है.

शहरी क्षेत्र में इनकी टक्कर जियो और एयरटेल जैसी बड़ी टेलीकॉम कंपनियों से होने वाली है, लेकिन अभी तक यह देखा जा रहा है कि स्टरलिंक की सर्विस काफी महंगी होगी जबकि जियो और एयरटेल की तरफ से सस्ता इंटरनेट प्रोवाइड करवाया जा रहा है.

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