Mobile Malware Attack: भारत जितनी बड़ी आबादी का देश है. यहां उतना ही ज्यादा हर दिन फ्रॉड और स्कैम के मामले सामने आते हैं लेकिन इस वक्त जो नए आंकड़े हैं, उसे जानकर शायद आप हैरान रह जाएंगे.
इस वक्त मोबाइल वायरस के मामले में भारत दुनिया में नंबर वन पर पहुंच गया है जिसका साफ मतलब है कि मोबाइल में वायरस इंस्टॉल करने के लिए भारत (Mobile Malware Attack) हैकर्स की पहली पसंद है जिस कारण आए दिन लोगों के साथ अलग-अलग तरह के मामले सामने आते हैं. पिछले साल भारत इस मामले में तीसरे नंबर पर था लेकिन अब पहले स्थान पर आ गया है.
इस वक्त देखा जाए तो कई ऐसे खतरनाक ऐप मौजूद है जिसे इंस्टॉल करना हमें बाद में भारी पड़ सकता है. यही वजह है कि गूगल प्ले स्टोर पर 200 से भी ज्यादा खतरनाक ऐप को शॉर्ट लिस्ट किया गया है.
Mobile Malware Attack: जाने क्या है मैलवेयर अटैक
दरअसल यह एक सॉफ्टवेयर है जिसका इस्तेमाल मोबाइल या फिर कंप्यूटर पर किसी की पहचान या फिर गोपनीयता से संबंधित जानकारी को इकट्ठा करने के लिए किया जाता है. इससे किसी भी व्यक्ति की निजी जानकारी हासिल की जा सकती है. खास तौर पर एचडीएफसी, आईसीआईसीआई और एक्सिस बैंक जैसे प्रमुख भारतीय बैंकों के मोबाइल ग्राहकों को निशाना बनाने के लिए इस तरह के प्रयास भी किया जा चुके हैं,
जहां लोगों को वास्तविक बैंकिंग वेबसाइट की हूबहू नकल वाली बैंकिंग वेबसाइट का इस्तेमाल करके निशाना बनाया जाता है. दरअसल यह कोई सॉफ्टवेयर नहीं है बल्कि जानकारी प्राप्त करने का एक आसान तरीका है. इस मामले में अमेरिका और कनाडा जैसे देश की स्थिति भारत (Mobile Malware Attack) से काफी ज्यादा बेहतर है.
एक रिपोर्ट के मुताबिक यह पाया गया है कि जून 2023 से मई 2024 के बीच 20 अरब से भी अधिक मोबाइल लेनदेन और संबंधित साइबर खतरों का विश्लेषण किया गया जिसमें पाया गया कि भारत कुल मोबाइल मैलवेयर हमलो का 28% हिस्सा लेकर शीर्ष स्थान पर है, जहां दूसरे नंबर पर अमेरिका और तीसरे नंबर पर कनाडा है. दरअसल मोबाइल यूजर्स को कई तरह के ऐप और सॉफ्टवेयर डाउनलोड करना कई बार महंगा पड़ जाता है.
डाक सेवा भी साइबर अपराधियों की गिरफ्त में
इस वक्त स्थिति ऐसी हो चुकी है कि भारतीय डाक सेवा भी अब साइबर अपराधियों (Mobile Malware Attack) का निशाना बन रही है जहां लोगों को फर्जी एसएमएस भेजकर उन्हें ऐसी साइट पर ले जाया जा रहा है जहां से उनके बैंक अकाउंट को खाली किया जा सके.
इस तरह की परेशानियों से निपटने के लिए साइबर सुरक्षा उपायों को तेजी से लागू करना होगा. साथ ही साथ लोगों को अब मजबूत पासवर्ड,, टू लेवल सर्टिफिकेशन और संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने से बचने जैसे तरीकों को अपनाने की आवश्यकता है.