नई दिल्ली: भारत में मोबाइल टेलीफोनी की शुरुआत 30 साल पहले 31 जुलाई 1995 को पहली Mobile Call के साथ हुई थी। कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT), ऑल इंडिया मोबाइल रिटेलर्स एसोसिएशन (ईएमआरए) और ऑर्गनाइज्ड रिटेलर्स एसोसिएशन (ओआरए) के संयुक्त तत्वावधान में 31 जुलाई को नई दिल्ली और कोलकाता में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमें भारत में मोबाइल टेलीफोनी के 30 साल के सफर का जश्न मनाया जाएगा।
सांसद और CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीण खंडेलवाल ने शुक्रवार को बताया कि मोबाइल व्यापारी Mobile Call के तीन दशक पूरे होने का जश्न मनाने जा रहे हैं। इस दौरान दिल्ली में एक मोबाइल इतिहास प्रदर्शनी का भी आयोजन किया जाएगा। इन वर्षों में, मोबाइल उद्योग ने शुरुआती फीचर फोन से लेकर अत्याधुनिक एआई-सक्षम स्मार्टफोन तक का सफर तय किया है।
कब शुरू हुआ भारत में Mobile युग
खंडेलवाल ने कहा कि भारत में पहली Mobile Call 31 जुलाई 1995 को हुई थी, जो तत्कालीन केंद्रीय दूरसंचार मंत्री सुखराम और पश्चिम बंगाल के तत्कालीन मुख्यमंत्री ज्योति बसु के बीच हुई थी। यह क्षण भारत के मोबाइल युग की शुरुआत का प्रतीक था। पिछले तीन दशकों और विशेष रूप से पिछले 11 वर्षों में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा दूरसंचार बाज़ार बन गया है।
खंडेलवाल ने बताया कि दिल्ली में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में एक विशेष "मोबाइल इतिहास प्रदर्शनी" लगाई जाएगी, जिसमें 1995 से 2025 तक के मोबाइल हैंडसेट्स की झलक दिखाई जाएगी, जिसमें शुरुआती फीचर फोन से लेकर अत्याधुनिक एआई-सक्षम स्मार्टफोन तक शामिल होंगे।
प्रदर्शनी में क्या होगा खास
- पहली प्रदर्शनी 1995 से 2013 तक की पिछली सरकारों के आधारभूत काल पर आधारित होगी, जबकि दूसरी प्रदर्शनी 2014 से 2025 तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीव्र डिजिटल प्रगति के युग पर आधारित होगी। यह प्रदर्शनी 2-जी से 5-जी तक के नेटवर्क के विकास और यूपीआई, टेलीमेडिसिन, डिजिटल मनोरंजन, ई-कॉमर्स सहित विभिन्न क्षेत्रों में मोबाइल-आधारित क्रांतियों को प्रदर्शित करेगी। इसके साथ ही, डिजिटल इंडिया, भारतनेट, मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया जैसी प्रमुख सरकारी पहलों की झलक दिखाई जाएगी, जिनके माध्यम से भारत ने वैश्विक स्तर पर अपनी मज़बूत डिजिटल पहचान बनाई है।
उन्होंने बताया कि सामाजिक-आर्थिक सशक्तिकरण में Mobile फ़ोन के योगदान की यात्रा को भी एक लाइव क्यूरेटेड प्रेजेंटेशन के माध्यम से दिखाया जाएगा। इस अवसर पर दूरसंचार, खुदरा और प्रौद्योगिकी क्षेत्र के प्रमुख उद्योग विशेषज्ञ भी कार्यक्रम को संबोधित करेंगे।यह भी पढ़ेंः- Best Mobile Under 40K: भारत के बेस्ट स्मार्टफोन्स, जुलाई 2025 की अपडेटेड लिस्ट
कहां से शुरू हुई यात्रा
भारत की पहली Mobile Call कोलकाता में हुई थी, जो मोदी टेल्स्ट्रा नेटवर्क (भारत के मोदी समूह और ऑस्ट्रेलिया के टेल्स्ट्रा का एक संयुक्त उद्यम) पर आधारित 2-जी जीएसएम प्रणाली और नोकिया हैंडसेट के ज़रिए संभव हुई थी। इस ऐतिहासिक क्षण को प्रतीकात्मक रूप से कोलकाता में फिर से जीवंत किया जाएगा, जो भारत की मोबाइल क्रांति के जन्मस्थान का सम्मान करेगा।
ईएमआरए के राष्ट्रीय अध्यक्ष कैलाश लख्यानी ने कहा कि मोबाइल फ़ोन भारत की डिजिटल क्रांति का सबसे सशक्त प्रतीक है, जिसे कभी विलासिता की वस्तु माना जाता था, आज हर भारतीय की जीवन रेखा बन गया है। उन्होंने कहा कि भारत का मोबाइल रिटेल परिदृश्य 100 वर्ग फुट की दुकानों से विकसित होकर राष्ट्रीय स्तर के स्टोरों तक पहुँच गया है। उपभोक्ता जागरूकता, डिजिटल अपनाने और रोज़गार सृजन में मोबाइल रिटेलरों की भूमिका पर प्रकाश डाला जाएगा।
भारत अब न केवल मोबाइल फ़ोन का एक प्रमुख उपभोक्ता है, बल्कि एक महत्वपूर्ण निर्माता और निर्यातक भी बन रहा है। भारत से हर साल 2 लाख करोड़ रुपये से ज़्यादा मूल्य के मोबाइल फ़ोन निर्यात किए जाते हैं और लगभग 5 लाख करोड़ रुपये मूल्य के मोबाइल फ़ोन का निर्माण भी किया जा रहा है।
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