दिग्गज टेक कंपनी Meta ने अपनी नई टेक्नोलॉजी से हर किसी को हैरान कर दिया है। कंपनी ने Meta Brain Typing का डेमो दिया है यानी यह Technology सोचने के साथ ही टाइपिंग करने की सुविधा देती है। साफ शब्दों में कहें तो आप सोचते जाएंगे और कम्प्यूटर पर वही चीज Type होती जाएगी।

Meta Brain Typing: न्यूरल सिग्नल्स पढ़ने में सक्षम

तकनीक की बात करें तो यह Non-invasive यानी बिना सर्जरी वाली तकनीक है, जो न्यूरल सिग्नल्स को पढ़कर उसे Text में कन्वर्ट कर देती है। हालांकि, इसके किसी प्रोडक्ट में शामिल होने की संभावना बेहद कम है क्योंकि hardware की लिमिटेशन्स, Data Privacy और कानूनी अड़चनों के चलते यह Market Ready Technology बन पाएगी, यह संभव नहीं दिखाई दे रहा है। Brain के जरिए डायरेक्ट कनेक्ट कर उसे Text में कन्वर्ट करना बेहद पेंचीदा काम है। आइए जानते हैं कि यह Technology कितनी एडवांस है और यह कैसे काम करती है।

Meta Brain Typing है इतनी एडवांस टेक्नोलॉजी

Meta Brain Typing में मेटा ने AI Models और ईईजी (Electroencephalography) का इस्तेमाल किया। रिसर्च पर गौर करें तो इसकी Accuracy 80 प्रतिशत तक है, जो दिमाग के संकेतों को पढ़कर उसे text में आसानी से कन्वर्ट कर देती है। MIT Technology के Blog के मुताबिक, यह टेक्नोलॉजी एक स्पेशल Brain Scanner पर डिपेंड है, जिसे मैग्नेटोएन्सेफलोग्राफी (MEG) मशीन कहा जाता है। यह मशीन ब्रेन एक्टिविटी द्वारा बनाए गए छोटे मैग्नेटिक संकेतों का पता लगाती है।

Meta Brain Typing अभी नही है Practical

मेटा ब्रेन टाइपिंग टेक्नोलॉजी को अभी प्रैक्टिकली यूज करना पॉसिबल नही है क्योंकि EEG डिवाइसेस काफी बड़े और महंगे आते हैं। अभी इसके छोटे, सटीक और किफायती होने में काफी समय है। इसके अलावा हर व्यक्ति का Brain Pattern अलग-अलग तरह का होता है, ऐसे में सभी के लिए एक Universal System बनाना पॉसिबल ही नहीं लगता है।

वैसे भी सीधे दिमाग के Data को एक्सेस करना काफी सेंसिटिव मामला है। फिलहाल Meta की यह तकनीक अभी आम लोगों के लिए उपलब्ध नहीं होगी। हालांकि, भविष्य में यह तकनीक Brain Control technology को नई ऊंचाईयों पर ले जा सकती है।

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