भारत में कारों की बिक्री के मामले में सालों से मार्केट पर राज कर रही Maruti Suzuki India की नंबर-1 की कुर्सी पर खतरा मंडरा रहा है। इस समय यह देश की सबसे बड़ी कार कंपनी है लेकिन इसे नई ऑटोमोबाइल कंपनियों से कड़ी टक्कर मिल रही है। इसका असर है कि पिछले 5 सालों से कंपनी का डोमिनेंस लगातार टूट रहा है।

पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में छूट रही पीछे

Maruti Suzuki India पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में लगातार पीछे छूट रही है और इसका सबूत पिछले कई सालों के आंकड़े हैं। वित्त वर्ष 2020-2021 से लेकर पिछले महीने खत्म हुए 2024-25 वित्त वर्ष के आंकड़ों पर अगर नजर दौड़ाएं तो यह पाएंगे कि पैसेंजर व्हीकल सेगमेंट में कंपनी पिछड़ती ही जा रही है। हालत यह है कि छोटी कंपनियां मार्केट में उससे ज्यादा बेहतर परफॉर्मेंस कर रही हैं। यह आंकड़े बता रहे हैं कि देश में कार कंपनियों के बीच लगातार कंपटीशन बढ़ रहा है।

Maruti Suzuki India की हिस्सेदारी भी घटी

जेफरीज इक्विटी रिसर्च की हालिया रिपोर्ट की मानें तो Maruti Suzuki India की मार्केट हिस्सेदारी भी तेजी से घट रही है। वित्त वर्ष 2020-21 में जहां कंपनी का मार्केट शेयर 48% था, वहीं वित्त वर्ष 2024-25 में यह घटकर 41% रह गया है।

हालांकि, यह हाल सिर्फ मारूति सुजुकी इंडिया का ही नहीं है बल्कि हुंडई मोटर इंडिया की स्थिति भी कुछ ऐसी ही है। रिपोर्ट्स की मानें तो हुंडई का मार्केट शेयर वित्त वर्ष 2020-21 में 17% के करीब था लेकिन 2024-25 में घटकर 14% ही रह गया है।

हालांकि, महिंद्रा एंड महिंद्रा और टाटा मोटर्स की मार्केट हिस्सेदारी में उछाल आया है। महिंद्रा एंड महिंद्रा की बाजार हिस्सेदारी पर नजर डालें तो यह 5 साल पहले मात्र 6 प्रतिशत थी लेकिन अब यह बढ़कर 13% पर आ गई है। टाटा मोटर्स की बाजार हिस्सेदारी को देखें तो यह पहले 8 प्रतिशत थी, जो कि अब 13% पर आ गई है।

12 साल बाद छूटी पीछे

पैसेंजर व्हीकल मार्केट की बात करें तो कंपनियों की होलसेल सेल्स वित्त वर्ष 2024-25 में केवल 2 प्रतिशत ही बढ़ी है, जबकि Maruti Suzuki India का शेयर घटकर 40.9 प्रतिशत ही रह गया है। अगर आंकड़ों को देखें तो 2012-13 के बाद यह उसका सबसे निचला स्तर है। इस तरह 12 साल बाद सबसे पीछे रह गई है।

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