चीन के अड़ंगे के चलते Rare Earth Magnet को सप्लाई को लेकर आ रही बाधाओं के बीच भारत की दिग्गज ऑटोमोबाइल कंपनी Mahindra and Mahindra ने बड़ा फैसला लिया है। महिंद्रा ने ऑटो पार्ट्स बनाने वाली कंपनी यूनो मिंडा के साथ मिलकर Rare Earth Magnet को बनाने का फैसला किया है। अभी तक भारत सिर्फ चीन पर ही इसकी आपूर्ति के लिए निर्भर था लेकिन अब जल्द ही पिक्चर पूरी तरह बदलने वाली है।

इतना सप्लाई करता है चीन

चीन इस समय पूरी दुनिया में करीब 90% Rare Earth Magnet की सप्लाई करता है और ज्यादातर इसके लिए चीन पर ही पूरी तरह निर्भर हैं। दरअसल, यह मैग्नेट इलेक्ट्रिक मोटर्स, डिफेंस सिस्टम और इलेक्ट्रॉनिक डिवाइसेज के लिए काफी जरूरी होता है।

ऐसे में चीन द्वारा इसकी सप्लाई पर अप्रैल 2025 से ही अस्थायी प्रतिबंध लगाए जाने से पूरी दुनिया में हड़कंप मचा हुआ है। अमेरिका और यूरोप को तो सप्लाई मिलनी शुरू हो चुकी है लेकिन भारत अभी भी वेटिंग लिस्ट में है। ऐसे में अब भारत सरकार ने इस मामले में भी पूरी तरह आत्मनिर्भर बनने का फैसला लिया है। सरकार निजी कंपनी को इसके उत्पादन के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

हुई है बड़ी साझेदारी

सूत्रों की मानें तो हाल ही में भारी उद्योग मंत्रालय के साथ हुई बैठक में महिंद्रा एंड महिंद्रा ने Rare Earth Magnet को बनाने की इच्छा जाहिर की थी। कंपनी किसी लोकल मैन्युफैक्चरर के साथ साझेदारी करके या लंबे समय के कॉन्ट्रैक्ट पर काम करना चाहती है।

महिंद्रा कंपनी की योजना भविष्य में इस मैग्नेट की स्थिर और खुद की सप्लाई पर है क्योंकि कंपनी अभी तक दो नई Electric SUV लॉन्च कर चुकी है और आगे इसमें तेजी लाने की योजना है। इसके अलावा यूनो मिंडा भी चीन की सप्लाई चेन पर भारत को निर्भर होने से बचाना चाहती है।

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Rare Earth Magnet इसलिए है बेहद जरूरी

Rare Earth बहुत सारी मॉर्डन टेक्नोलॉजी के लिए बेहद जरूरी मैटेरियल है। इसका इलेक्ट्रिक व्हीकल इंडस्ट्री में काफी योगदान है और इसका इस्तेमाल गाड़ियों के मोटर से लेकर स्मार्टफोन, कंप्यूटर, एमआरआई मशीन और डिफेंस सिस्टम जैसे उपकरणों में किया जाता है।

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