19 Jun, 2025
BY: Komalहर साल 19 जून को 'विश्व सिकल सेल जागरूकता दिवस' मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को Sickle cell anemia नामक बीमारी के बारे में जागरूक करना है।
यह एक आनुवंशिक रक्त विकार है, जो सीधे हमारे रक्त की लाल रक्त कोशिकाओं (आरबीसी) को प्रभावित करता है। इस बीमारी में शरीर में आरबीसी की संख्या कम हो जाती है।
जिससे शरीर के अंगों तक सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती। ऐसे में थकान, दर्द और कमजोरी जैसी समस्याएं हो सकती हैं। अगर इसका समय पर इलाज न किया जाए तो यह बीमारी खतरनाक भी हो सकती है।
22 दिसंबर 2008 को हुई संयुक्त राष्ट्र की बैठक में इसे एक गंभीर स्वास्थ्य समस्या माना गया और सभी देशों को हर साल 19 जून को सिकल सेल बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने का निर्देश दिया गया।
उत्तर प्रदेश में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ने Sickle cell anemia को खत्म करने के लिए एक विशेष अभियान शुरू किया है। इसके तहत लोगों को जागरूक किया जा रहा है कि थोड़ी सी सावधानी और सही जीवनशैली से इस बीमारी पर काबू पाया जा सकता है।
इसमें समय पर जांच, डॉक्टर की सलाह के अनुसार दवाओं का सेवन, स्वच्छ और पौष्टिक भोजन और भरपूर पानी पीना बहुत जरूरी है। साथ ही, शादी से पहले और गर्भावस्था के दौरान सिकल सेल की जांच करवाना भी फायदेमंद होता है।
गर्भवती महिलाओं को भी सिकल सेल की जांच करवानी चाहिए, ताकि मां और बच्चे दोनों के स्वास्थ्य का ख्याल रखा जा सके। इन सभी बातों को अपनाकर हम खुद को और अपने परिवार को Sickle cell anemia से बचा सकते हैं।
Sickle cell anemia से पीड़ित लोगों के लिए कुछ चीजों से परहेज करना बहुत जरूरी है। सबसे पहले, डिब्बाबंद, प्रोसेस्ड फूड और ज्यादा नमक वाले खाद्य पदार्थों के सेवन से बचना चाहिए।
ये चीजें शरीर के लिए नुकसानदायक हो सकती हैं। डॉक्टर की सलाह के बिना कभी भी दवाइयां बंद न करें और हमेशा डॉक्टर की सलाह पर ही दवा लें। अगर शरीर में किसी भी तरह के लक्षण दिखें तो उन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत जांच करवाएं।
डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियमित दवा लेने से बीमारी को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। परिवार के सभी सदस्यों की सिकल सेल जांच करवाना भी जरूरी है, ताकि समय रहते बीमारी का पता लगाया जा सके।