शेयर मार्केट (Stock Market) में हर सेक्टर की कंपनियां लिस्टेड होती हैं और निवेशक अपनी रुचि व ज्ञान के आधार पर अलग-अलग सेक्टर में निवेश करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भारत के राष्ट्रपति का सबसे अधिक निवेश किस सेक्टर में है? मनीकंट्रोल के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रपति के पोर्टफोलियो में कई सेक्टर्स की कंपनियां शामिल हैं।

बैंकिंग पब्लिक सेक्टर में सबसे ज्यादा निवेश

मनीकंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति के पोर्टफोलियो में 77 कंपनियों की होल्डिंग्स हैं। इनमें सबसे ज्यादा हिस्सा बैंकिंग पब्लिक सेक्टर का है, जो कुल 16 फीसदी है। इसके बाद miscellaneous सेक्टर का नंबर आता है, जिसमें छोटी-छोटी कंपनियों की हिस्सेदारी मिलाकर 6 फीसदी की होल्डिंग है।

तीसरे स्थान पर पावर सेक्टर है, जिसमें 6 फीसदी निवेश किया गया है। चौथे नंबर पर फर्टिलाइजर सेक्टर आता है, जिसकी हिस्सेदारी 5 फीसदी है।

राष्ट्रपति की अन्य प्रमुख सेक्टरों में भी हिस्सेदारी

इसके अलावा, कुछ अन्य सेक्टर जैसे माइनिंग एंड मिनरल्स, ऑयल ड्रिलिंग, ट्रेडिंग और इन्फ्रास्ट्रक्चर में राष्ट्रपति की 4-4 फीसदी की होल्डिंग है। वहीं, मेटल-नॉन फेरस, इंजीनियरिंग-हैवी, आयरन एंड स्टील, रिफाइनरीज़ और फाइनेंस-टर्म लेंडिंग इंस्टीट्यूशन्स जैसे सेक्टर्स में 3-3 फीसदी निवेश है।

इसके साथ ही कंस्ट्रक्शन एंड कॉन्ट्रैक्टिंग, टेलिकम्यूनिकेशन, हॉस्पिटल्स, एनबीएफसी, होटल्स और डिफेंस जैसे सेक्टर्स में राष्ट्रपति की 1-1 फीसदी की हिस्सेदारी है। यह दर्शाता है कि राष्ट्रपति का पोर्टफोलियो विभिन्न सेक्टर्स में अच्छी तरह से विविधीकृत है।

राष्ट्रपति पोर्टफोलियो की नेटवर्थ

राष्ट्रपति के पोर्टफोलियो की कुल नेटवर्थ 43 लाख 87 हजार 489 करोड़ रुपये है। हालांकि, यहां यह स्पष्ट करना जरूरी है कि यह निवेश और नेटवर्थ राष्ट्रपति के पद से जुड़ा होता है, न कि उस पर बैठे व्यक्ति से।

सरल शब्दों में, यह पूरी तरह से सरकारी संपत्ति है और इसे आप इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर का हिस्सा मान सकते हैं। यह पोर्टफोलियो देश के सबसे बड़े इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स में से एक है और इसका संचालन पूरी तरह से सरकारी प्रबंधन के अंतर्गत होता है।

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