देश के पूर्व प्रधानमंत्री और कांग्रेस नेता Dr.Manmohan Singh का गुरुवार रात दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। 92 वर्षीय Dr. Singh लंबे समय से बीमार चल रहे थे। गुरुवार को उनकी तबीयत अचानक बिगड़ने के बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अपनी अंतिम सांस ली। उनके निधन की खबर से पूरे देश में शोक की लहर दौड़ गई है।
Dr.Manmohan Singh पर कर्ज का कोई बोझ नहीं
Dr.Manmohan के वित्तीय रिकॉर्ड हमेशा साफ-सुथरे रहे। 2018 में राज्यसभा के लिए नामांकन दाखिल करते समय उन्होंने जो जानकारी दी थी, उसके अनुसार उन पर किसी भी प्रकार का कर्ज नहीं था। यह उनके सरल और व्यावहारिक जीवन को दर्शाता है। उनके जीवन से यह स्पष्ट है कि उन्होंने कभी भी आर्थिक मामलों में अनावश्यक जोखिम या विलासिता को महत्व नहीं दिया।
संपत्ति का विवरण
Dr.Manmohan Singh ने 2018 में अपनी कुल संपत्ति 15.77 करोड़ रुपये घोषित की थी। इसमें दिल्ली और चंडीगढ़ में उनके नाम एक-एक फ्लैट शामिल है। उनके पास नकद केवल 30,000 रुपये थे और 3.86 लाख रुपये मूल्य की ज्वैलरी भी थी। उनके वार्षिक आय की बात करें तो 2018-19 में यह लगभग 90 लाख रुपये थी।
यह संपत्ति उनके सार्वजनिक जीवन में पारदर्शिता और ईमानदारी को दर्शाती है। माईनेता वेबसाइट के अनुसार, उनकी संपत्ति का यह विवरण एक साधारण और विनम्र जीवनशैली को उजागर करता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था को दी नई दिशा
Dr.Manmohan Singh का नाम भारतीय अर्थव्यवस्था के इतिहास में स्वर्ण अक्षरों में लिखा जाएगा। 1991 में पीवी नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण (LPG) नीतियों को लागू कर भारत की आर्थिक तस्वीर बदल दी। इन सुधारों ने देश को वैश्विक मंच पर एक नई पहचान दिलाई। Dr. Singh को उनके योगदान के लिए पद्म विभूषण समेत कई सम्मान मिले हैं।
एक महान युग का अंत
Dr.Manmohan Singh का निधन केवल एक नेता का नहीं, बल्कि एक महान अर्थशास्त्री, विचारक और सादगी भरे व्यक्तित्व का अंत है। उनका योगदान आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा बना रहेगा। उनका जीवन इस बात का प्रमाण है कि ईमानदारी और कर्तव्यनिष्ठा के साथ बड़े से बड़े कार्य किए जा सकते हैं। देश ने आज एक अनमोल रत्न खो दिया है।
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