गली-मोहल्लों की ठेलियों पर मिलने वाला साधारण पॉपकॉर्न इन दिनों सुर्खियों में है। वजह है इस पर लगने वाला जीएसटी। इस छोटे से स्नैक ने बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। सोशल मीडिया से लेकर डिनर टेबल की चर्चाओं तक, Popcorn अब हर जगह मौजूद है। कोई इसे टैक्स का मजाक बता रहा है, तो किसी ने इसे ‘Popcorn-पॉलिटिक्स’ नाम दे दिया है। आइए, जानते हैं इस मसालेदार मुद्दे की कहानी।
स्वाद में वही, टैक्स में बड़ा अंतर
Popcorn का स्वाद तो हर जगह एक जैसा होता है, लेकिन टैक्स के नियम इसे बेहद खास बना देते हैं। अगर आप इसे गली-मोहल्लों की रेडी से खरीदते हैं, तो सिर्फ 5% जीएसटी लगेगा। लेकिन सिनेमाघर में फिल्म देखते हुए Popcorn लेने की चाहत महंगी पड़ सकती है।
अगर आपने मूवी टिकट के साथ Popcorn बुक कर लिया, तो इस पर 28% टैक्स लगेगा। यह ‘कंपोजिट सप्लाई’ की श्रेणी में आता है, यानी Popcorn और टिकट को एक साथ बेचा गया एक पैकेज माना जाएगा। लेकिन इंटरवल में जाकर वही Popcorn खरीदने पर आपको सिर्फ 5% टैक्स देना होगा।
पैकेट वाला Popcorn और फ्लेवर्ड स्नैक्स
खुले पॉपकॉर्न की तुलना में पैकेट बंद Popcorn पर टैक्स थोड़ा ज्यादा है। अगर यह पहले से पैक और लेबल किया हुआ है, तो 12% टैक्स लगेगा। वहीं, नमक और मसाले वाले Popcorn पर 5% टैक्स ही लगता है। लेकिन अगर पॉपकॉर्न में चीनी मिलाकर इसे कारमेलाइज कर दिया गया है, तो यह कन्फेक्शनरी की श्रेणी में आ जाता है, जिस पर 18% टैक्स लगता है।
यानी, अगर आपको मीठा Popcorn पसंद है, तो थोड़ा ज्यादा जेब ढीली करनी पड़ेगी। वहीं, नमकीन Popcorn अब भी सस्ते विकल्पों में गिना जाएगा
एक साधारण स्नैक से खास क्यों बना Popcorn?
Popcorn पर टैक्सेशन ने आम लोगों के साथ-साथ बड़े चेहरों को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है। सिनेमाघरों में इसे अलग टैक्स से जोड़ने पर कई लोग इसे ‘मनोरंजन का महंगा सौदा’ कह रहे हैं। कुछ का मानना है कि इस छोटे से स्नैक ने बड़े-बड़े नियमों की परतें खोल दी हैं।
तो अगली बार जब आप Popcorn खरीदें, तो स्वाद के साथ टैक्स का फर्क भी जरूर याद रखें। आखिरकार, यह साधारण स्नैक अब ‘टैक्स-स्टार’ बन चुका है!
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