सरकार ने भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) को 'नवरत्न' कंपनी का दर्जा दिया है। 'नवरत्न' का मतलब यह होता है कि अब भारतीय रेलवे वित्त निगम को कुछ खास अधिकार मिल जायेंगे। इन अधिकारों को मिलने के बाद यह और भी अधिक स्वतंत्रता के साथ काम कर पायेगा। इसके नवरत्न से जुड़ने के बाद यह भारतीय रेलवे से जुड़ा 26वां 'नवरत्न' बन जायेगा।

क्या होता है 'नवरत्न' का मतलब?

IRFC एक सरकारी कंपनी है जिसका प्रमुख काम भारतीय रेलवे के लिए पैसों का इंतजाम करना है। यह कंपनी भारतीय रेलवे को वित्तीय सहायता देती है जिससे रेल परियोजनाओं को पूरा करने में मदद मिलती है। वित्तीय वर्ष 2023-24 में IRFC का टर्नओवर 26,644 करोड़ रुपये था और साथ ही इसका मुनाफा 6,412 करोड़ रुपये था। IRFC के पास कुल 49,178 करोड़ रुपये की संपत्ति है।

'नवरत्न' का दर्जा मिलने के बाद IRFC अपने फैसले खुद ले सकेगी और अपने काम को और भी बेहतर तरीके से कर सकेगी। इसका फायदा यह होगा कि भारतीय रेलवे के लिए ज्यादा से ज्यादा संसाधन जुटाने में और रेलवे के विस्तार में काफी मदद मिलेगी।

IRCTC

रेल मंत्री ने दी बधाई

भारतीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस उपलब्धि को पाने के बाद आईआरसीटीसी और IRFC दोनों ही टीमों को बधाई दी। उन्होंने अपने ऑफिसियल एक्स अकाउंट पर लिखा,"आईआरसीटीसी और IRFC की टीम को नवरत्न का दर्जा मिलने पर बधाई.''

IRCTC को भी मिला नवरत्न कंपनी का दर्जा

रेलवे के सार्वजनिक उपक्रम (जिनको पीएसयू के नाम से भी जाना जाता है) आईआरसीटीसी को भी “नवरत्न” कंपनी का दर्जा प्राप्त हुआ है। इस सम्मान के साथ आईआरसीटीसी भी 25वीं नवरत्न कंपनी बन गयी है। आपको बताते चलें कि आईआरसीटीसी का सालाना कारोबार ₹4,270.18 करोड़ रूपए है, वहीँ अगर इसके नेटवर्थ की बात की जायें तो साल 2020-24 में इसकी नेटवर्थ ₹3,229.97 करोड़ रूपये आंकी गई है।

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