Iran-Israel War: Bharat की आर्थिक तरक्की पर लग सकती है रफ्तार, इसके पीछे ये है बड़ा कारण

By Komal |

22 Jun 2025, 09:57 PM

भारत पूरी दुनिया में तेजी से उभरती हुई अर्थव्यवस्था है और सरकार का पूरा फोकस 5 ट्रिलियन डॉलर की Economy बनने पर है लेकिन इस पर रफ्तार लग सकती है। इसके पीछे सबसे बड़ी वजह है Iran-Israel War। इसमें अब अमेरिका भी कूद पड़ा है और उसने Iran पर ताबड़तोड़ हवाई हमले करने शुरू कर दिए हैं। ऐसे में अगर होर्मुज जलडमरूमध्य में जहाजों का आना-जाना बंद होता है तो भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर गंभीर असर पड़ेगा। इससे तेल की सप्लाई बाधित होगी और महंगाई भड़क सकती है। इससे भारत की आर्थिक तरक्की पर भी ब्रेक लग सकता है।

Iran-Israel War: जानिए क्यों महत्वपूर्ण है ये रास्ता

Iran-Israel War के बीच भारत की चिंता काफी बढ़ गई है। होर्मुज जलडमरूमध्य फारस की खाड़ी को अरब सागर से जोड़ता है। यह काफी महत्वपूर्ण रास्ता है क्योंकि पूरी दुनिया में Oil और LNG यानी तरलीकृत प्राकृतिक गैस की सप्लाई का करीब 30 प्रतिशत हिस्सा इसी रास्ते से होकर गुजरता है। अगर यह रास्ता युद्ध की वजह से बंद हो जाता है तो तेल की सप्लाई कम हो जाएगी। ऐसे में भारत समेत दुनिया के कई देशों में महंगाई की आग भड़क सकती है।

ऊर्जा बाजारों पर पड़ेगा असर

Iran-Israel War के बीच भारत की ऊर्जा सुरक्षा पर पड़ने वाले खतरे को लेकर विशेषज्ञ भी चिंतित हैं। जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. लक्ष्मण कुमार बेहरा की मानें तो अगर होर्मुज जलडमरूमध्य रास्ता युद्ध की वजह से बंद होता है तो इससे भारत ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के ऊर्जा बाजारों पर असर पड़ेगा।

भारत जो इराक और सऊदी अरब से तेल मंगाता है, उस पर भी इसका प्रतिकूल असर पड़ेगा। भारतीय नौसेना के रिटायर्ड कैप्टन डीके शर्मा की मानें तो इस युद्ध की वजह से तेल के व्यापार में दिक्कत आ सकती है। जहाजों के आने-जाने में रूकावट से बीमा का Premium भी बढ़ सकता है।

तेल की कीमतों इतनी हो सकती है बढ़ोत्तरी

Iran-Israel War के बीच अगर तेल की सप्लाई बाधित होती है तो तेल की कीमतें 80-90 डॉलर प्रति बैरल से लेकर 100 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकती है। इससे इलाके देशों की मुद्राओं पर भी असर देखने को मिलेगा और निवेशक स्थिर बाजारों की तलाश में जुट सकते हैं।