लंबे समय से इजरायल और ईरान के बीच चल रहा तनाव युद्ध का रूप लेता जा रहा है। दोनों देश एक-दूसरे पर जमकर मिसाइलें दाग रहे हैं। ऐसे में भारत की परेशानियां काफी ज्यादा बढ़ सकती है। Iran-Israel Conflict की वजह से क्रूड ऑयल की कीमतों में 10% का उछाल आ सकता है और रूपए पर दबाव बढ़ने के साथ ही महंगाई भी जोर मार सकती है।
Iran-Israel Conflict: स्वेज नहर और रेड सी में बढ़ गया रिस्क
Iran-Israel Conflict की वजह से स्वेज नहर और रेड सी सहित महत्वपूर्ण लाइंस के लिए रिस्क बन गया है, यह कहना है फेडरेशन ऑफ इंडियन ऑर्गनाइजेशन के डीजी डॉ. अजय सहाय का। उन्होंने कहा कि ये रूट यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और पश्चिम एशिया के साथ भारत के होने वाले व्यापार के लिए काफी अहम है। अगर टकराव की वजह से यह रूट बाधित होता है तो शिपमेंट्स में देरी तो होगी ही, लॉजिस्टिक्स की कॉस्ट में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। ऐसा होने से महंगाई भी भड़क सकती है।
इजरायल-ईरान को ये चीजें निर्यात करता है Bharat
इजरायल भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है। रक्षा साझीदार होने के साथ व्यापारिक तौर पर यह भारत के लिए काफी अहम है। भारत इजरायल को रिफाइंड पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स के साथ केमिकल्स, इंजीनियरिंग गुड्स, मशीनरी, जेम्स एंड ज्वैलरी और टेक्सटाइल्स का निर्यात करता है। इसके अलावा ईरान सहित पश्चिम को दवाओं, कपड़ों और मीट का निर्यात भी करता है।
डॉ. सहाय की बातों पर गौर करें तो Iran-Israel Conflict की वजह से भारत के पॉलिश्ड डायमंड एक्सपोर्ट पर गहरा असर पड़ सकता है। ईरान को होने वाली चावल और मीट के एक्सपोर्ट शिपमेंट में देरी के लिहाज से यह काफी संवदेनशील है।
Export की घट सकती है डिमांड
Iran-Israel Conflict की वजह से वैश्विक अनिश्चितता बढ़ने के साथ ही क्रूड ऑयल के दाम चढ़ने की पूरी आशंका है। ऐसे में एक्सपोर्ट के लिए मांग काफी घट सकती है। इसकी वजह से पश्चिमी एशिया को माल भेजने वाले निर्यातकों को भुगतान में देरी और कॉन्ट्रैक्ट के टलने का खतरा भी मंडरा रहा है।
ब्रेंट क्रूड की बात करें तो इजरायल के हमले के बाद यह 9 प्रतिशत से ज्यादा उछल गया है। हालांकि, भारत ईरान से क्रूड इंपोर्ट नहीं करता है, पर होरमुज की खाड़ी से हर दिन करीब 2 करोड़ बैरल Crued की आवाजाही होती है। इस पर गहरा असर पड़ सकता है।