America की सत्ता पर काबिज होने के बाद से ही Donald trump लगातार दुनिया के तमाम देशों को निशाना बना रहे हैं। चीन, मैक्सिको, कनाडा जैसे कई देशों पर टैरिफ लगाने के बाद अब उनके निशाने पर Iran है और ट्रंप ने सख्त रूख अपनाते हुए उस पर प्रतिबंधों को और भी कड़ा कर दिया है। अब इसका सीधा असर भारत पर भी पड़ने वाला है क्योंकि Chabahar Port भारत, अफगानिस्तान और मध्य एशियाई देशों के बीच बिजनेस के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।

Chabahar Port पर ट्रंप के फैसल का सीधा असर

Tariff War के बाद अब अब ट्रंप ने पूर्ववर्ती सरकार की तरह ही Iran को अपने निषाने पर रखा है और उन्होंने ईरान पर लगे प्रतिबंधों को और भी कड़ा कर दिया है। इसका सीधा असर Chabahar Port पर पड़ने वाला है। White House ने साफ कहा है कि Iran और उससे जुड़े किसी भी आर्थिक या व्यापारिक गतिविधि में शामिल कंपनियों या व्यक्तियों के खिलाफ बेहद कड़ी कार्रवाई की जाएगी। Donald Trump ने Iran को किसी भी तरह की आर्थिक राहत देने वाली प्रतिबंध छूटों को खत्म करने का भी निर्देश दे दिया है। यही नहीं America ईरान के तेल निर्यात को पूरी तरह से बंद करना चाहता है। ट्रेजरी और अन्य अमेरिकी एजेंसियों के साथ मिलकर ट्रंप प्रशासन का मुख्य उद्देश्य Iran के राजस्व के प्रमुख स्रोत को पूरी तरह बंद करना है।

Chabahar में अहम भागीदार है भारत

Iran पर बरती जा रही सख्ती का सीधा असर भारत पर पड़ने वाला है। Chabahar Port में भारत भी प्रमुख भागीदार है और वह भी इस प्रतिबंध की चपेट में आ सकता है। भारत ने इस Port में भारी-भरकम निवेष किया है, जिससे अफगानिस्तान और मध्य एशिया तक व्यापारिक मार्ग को आसान बनाया जा सके। Donald Trump के इस अप्रत्याशित फैसले के बाद Chabahar परियोजना को लेकर भी अनिश्चितता का माहौल बन गया है।

Iran को अलग-थलग करना चाहता है अमेरिका

अमेरिका चाहता है कि Iran को वैश्विक स्तर पर पूरी तरह अलग-थलग कर दिया जाए, जिससे वह पूरी तरह ईरान पर नकेल कस सके। अमेरिका यह योजना बना रहा है कि ईरानी रिवोल्यूयानरी गार्ड यानी IRCG और अन्य आतंकी संगठनों को सुरक्षित आश्रय और स्वतंत्र आवाजाही से वंचित करने के लिए कूटनीतिक अभियान भी चलाया जाए।

यह भी पढ़ेंः-पॉप-अप इकॉनमी की वजह से सरकार ने की महाकुम्भ से की इतनी कमाई, जाने पूरी खबर