ऐसा अचानक क्या हो गया कि निवेशकों की पहली पसंद Silver बन रही है, जबकि पिछले एक साल में सोने ने निवेशकों को जबरदस्त रिटर्न दिया है। जिससे निवेशकों को बंपर फायदा हुआ है अक्टूबर 2023 से अब तक सोने की कीमतों में करीब 40 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।

वहीं Silver में सिर्फ 15 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई है, जिससे यह रेस में पीछे नजर आ रही है। लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना ​​है कि कीमतों के आधार पर किसी धातु को बेहतर निवेश विकल्प मानना ​​सही नहीं होगा। ऐसे में सोचने वाली बात है कि क्या अब चांदी में तेजी आने वाली है?

Silver पर निवेश कब सही रहता है?

एक स्टडी के मुताबिक, जब भी सोने और चांदी में एक साथ तेजी आती है, तो अक्सर चांदी ज्यादा मुनाफा देती है। उदाहरण के लिए, दिसंबर 2008 से अप्रैल 2011 तक चांदी की कीमतों में जबरदस्त 353.4 फीसदी की तेजी आई, जबकि इसी अवधि में सोने में सिर्फ 78.6 फीसदी की तेजी आई।

फाइनेंशियल एक्सप्रेस पर प्रकाशित डीएसपी म्यूचुअल फंड की एक रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 26 सालों में 10 बार ऐसा हुआ है, जब चांदी ने सोने से बेहतर प्रदर्शन किया है। इसका मतलब यह है कि अगर कीमती धातुओं में तेजी तेज रही तो निवेश के लिए चांदी ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकती है।

सोने और चांदी के बीत सही क्या?

एक और महत्वपूर्ण संकेतक है 'सोना-चांदी अनुपात', यानी एक औंस सोना खरीदने के लिए कितने औंस Silver की जरूरत होगी। फिलहाल यह अनुपात 102 के करीब है, जबकि इसका दीर्घावधि औसत 70 के आसपास रहा है। इसका मतलब यह है कि भविष्य में या तो चांदी की कीमत तेजी से बढ़ेगी या फिर सोने की कीमत में गिरावट आएगी।

अगर सोना 3,333 डॉलर प्रति औंस पर स्थिर रहता है और अनुपात 70 पर लौटता है तो चांदी की कीमत 48 डॉलर तक जानी होगी। इस लिहाज से चांदी फिलहाल सस्ती नजर आ रही है और इसके और बढ़ने की गुंजाइश ज्यादा है।

आपूर्ति के मुताबिक Silver की मांग ज्यादा

चांदी के पक्ष में जाने वाला एक और बड़ा कारण इसकी मांग और आपूर्ति के बीच का अंतर है। 2025 में लगातार पांचवें साल चांदी की वैश्विक मांग इसकी आपूर्ति से ज्यादा रहने की उम्मीद है। इस साल 1.05 बिलियन औंस की आपूर्ति के मुकाबले मांग 1.20 बिलियन औंस रहने की उम्मीद है। Silver का बाजार आकार छोटा है, इसलिए मांग में थोड़ी सी भी वृद्धि कीमतों को तेजी से बढ़ा सकती है। यही कारण है कि विशेषज्ञ चांदी को लेकर आशावादी हैं।

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