International Widows Day: साहित्य हो या फिल्म्स समाज में होने वाली घटनाओं के बारे में लोगों को उनके जीवन के स्तर और सांचे में ढालकर ये बताने का काम करते हैं कि जो जीवन वो जी रहे हैं उससे भी बदतर जीवन हो सकता है।

या यूं कहें कि जीवन जीने का ढंग हम किताबों से भी सीख सकते हैं। ऐसी मूवी सामाजिक सुधार, सशक्तिकरण और मानवीय भावनाओं को दर्शाती हैं। 23 जून को International Widows Day है, जिसकी शुरुआत संयुक्त राष्ट्र ने 2010 में इन महिलाओं के अधिकारों, चुनौतियों और सामाजिक स्थिति की ओर ध्यान आकर्षित करने के लिए की थी।

Indian Cinema ने फिल्मों के माध्यम से ऐसी महिलाओं के Struggle, Empowerment और सामाजिक रूढ़ियों को तोड़ने की कहानियों को प्रभावी ढंग से पर्दे पर उतारा है। इन फिल्मों में 'Single women और single mothers' के दर्द और संघर्ष के साथ-साथ हर कदम पर आने वाली चुनौतियों को भी आवाज देने का काम किया गया है।

International Widows Day: द लास्ट कलर

निर्देशक विकास खन्ना द्वारा निर्देशित 'द लास्ट कलर' में अभिनेत्री नीना गुप्ता मुख्य भूमिका में हैं। साल 2019 में रिलीज हुई यह Movie भी विधवाओं की जिंदगी में रंग भरने वाली है। Movie का आखिरी सीन जिसमें विधवाएं रंगों का त्योहार होली मनाती हैं, सबसे खास है। Movie में 70 साल की विधवा और 9 साल के फूल बेचने वाले बच्चे की दोस्ती को खूबसूरती से दिखाया गया है।

डोर

नागेश कुकुनूर द्वारा निर्देशित Movie 'डोर' की कहानी दो महिलाओं की जिंदगी पर आधारित है। साल 2006 में रिलीज हुई Movie की कहानी में एक महिला का पति जेल में होता है और दूसरी विधवा हो जाती है। Movie में आयशा टाकिया और गुल पनाग मुख्य भूमिका में हैं। आयशा टाकिया ने राजस्थान में रहने वाली विधवा का किरदार निभाया है। हालांकि बाद में एक घटना दोनों की जिंदगी बदल देती है।

वाटर

'वाटर' साल 2005 में रिलीज हुई थी। दीपा मेहता द्वारा निर्देशित Movie की पटकथा अनुराग कश्यप ने लिखी है। यह भारत के एक आश्रम में विधवाओं के जीवन को दर्शाता है, जो वर्ष 1938 में सेट है। आश्रम में एक बाल विधवा को अन्य विधवाओं के साथ सामाजिक रूढ़ियों का सामना करना पड़ता है।

खास बात यह है कि Movie पितृसत्तात्मक व्यवस्था की क्रूरता और विधवाओं के प्रति भेदभाव को सामने लाती है। इस Movie को ऑस्कर नामांकन मिला था। जॉन अब्राहम और लीजा रे स्टारर Movie 'वाटर' में विधवाओं के जीवन को बहुत करीब से दिखाया गया है।

प्रेम रोग

'प्रेम रोग' 1982 में रिलीज हुई थी। राज कपूर द्वारा निर्देशित इस Movie में एक तरफ देवधर (ऋषि कपूर) और मंजुला (पद्मिनी कोल्हापुरी) की खूबसूरत प्रेम कहानी है। वहीं, यह क्लासिक Movie समाज से गंभीर सवाल पूछती है और विधवा पुनर्विवाह जैसे संवेदनशील मुद्दे को उठाती है। यह Movie विधवाओं के प्रेम और पुनर्विवाह के अधिकार को संवेदनशीलता से दिखाती है, जो उस समय के लिए क्रांतिकारी था।

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