नई दिल्लीः दिल्ली के वायु प्रदूषण पर लगाम लगाने के प्रयासों के तहत भारत स्टेज 4 (BS4) वाहनों पर प्रतिबंध को लेकर ऑल इंडिया मोटर एंड गुड्स ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर ने शनिवार को कहा कि पुराने वाहनों के इंजन से निकलने वाला धुआं एक समस्या है। ऐसे में अगर सब्सिडी देकर बीएस6 मानक वाले इंजन लगाए जाएं, तो ट्रांसपोर्टर बाकी आधी रकम खुद देने को तैयार होंगे।
मानक जरूरी
राजेंद्र कपूर ने कहा कि वाहनों की उम्र 15 साल तक होती है और जब रजिस्ट्रेशन के समय उस पर 15 साल लिखा होता है, तो उसे 15 साल तक चलने दिया जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि हो सकता है कि जिन दिनों दिल्ली के अंदर प्रदूषण हो और मानक कहता हो कि वाहनों से प्रदूषण हो रहा है, उस समय इसे रोक दिया जाए।
1 नंबर से लगेगा BS4 वाहनों पर प्रतिबंध
कपूर ने अपनी बात पर ज़ोर देते हुए कहा कि 1 नवंबर से दिल्ली सरकार दिल्ली में बीएस4 वाहनों पर प्रतिबंध लगा रही है। 7 साल तक गाड़ी इस्तेमाल करने के बाद, व्यक्ति उससे कुछ पैसे कमाने की सोचता है, लेकिन जब गाड़ी थोड़ी पुरानी हो जाती है, तो उसकी कीमत भी बढ़ जाती है, ऐसे में ट्रांसपोर्टर के पास कुछ नहीं बचता। दिल्ली में वाहनों की उम्र 15 साल की बजाय 10 साल करना सही नहीं है, जबकि दूसरे राज्यों में वाहनों की उम्र 15 साल है।
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कम होगा प्रदूषण
कपूर ने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर आज कोई गाड़ी केरल से माल लेकर दिल्ली आती है, तो वह दिल्ली में प्रवेश नहीं कर पाएगी क्योंकि देश के दूसरे राज्यों में चलने वाले वाहनों पर दिल्ली में प्रतिबंध लगा दिया जाएगा, इससे लागत बढ़ेगी और दिल्ली का कारोबार ठप हो सकता है। बीएस4 वाहनों के लिए एक उत्सर्जन मानक है।
यह मानक भारत में 1 अप्रैल, 2017 से लागू हुआ था, यानी 1 अप्रैल, 2017 और उसके बाद निर्मित वाहनों को BS4 मानकों का पालन करना था। BS4 और BS6 में अंतर यह है कि BS6 इंजन BS4 की तुलना में कम प्रदूषण करते हैं।
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