दिन ब दिन महंगाई बढती जा रही है। इसका सीधा असर आम आदमी पर हो रहा है। पेट्रोल डीजल से लेकर सब्जी भाजी तक सब महंगा हो गया है। जिसके कारण हर मध्यम वर्गीय परिवार का बजट बिगड़ गया है। लेकिन आने वाले साल में मध्यम वर्गीय परिवार के बजट में सुधार आ सकता है। क्योंकि आने वाले नए साल में बजट में भारत सरकार जरूरत की कई चीजों को सस्ता कर सकती है। इसको लेकर हाल ही में भारतीय उद्योग परिसंघ (CII) ने वित्त वर्ष 2025-26 के बजट के लिए सरकार को कुछ प्रभावशाली सुझाव दिए हैं। जिसके ऊपर सरकार विचार कर रही है।
CII का ईंधन पर उत्पाद शुल्क घटाने का बड़ा सुझाव
CII ने पेट्रोल और डीजल पर उत्पाद शुल्क घटाने की सिफारिश की है। वर्तमान में पेट्रोल की कीमत का 21% और डीजल का 18% हिस्सा उत्पाद शुल्क के कारण बढ़ता है। सीआईआई के महानिदेशक चंद्रजीत बनर्जी ने बताया कि मई 2022 के बाद कच्चे तेल की अंतरराष्ट्रीय कीमतें करीब 40% तक कम हो चुकी हैं, लेकिन इसका फायदा उपभोक्ताओं को नहीं मिल पाया है।
ईंधन की कीमतें न केवल परिवहन बल्कि रोजमर्रा की हर जरूरत को महंगा बना देती हैं। अगर उत्पाद शुल्क कम किया जाता है, तो ईंधन सस्ता होगा और महंगाई दर पर भी सकारात्मक असर पड़ेगा। इससे लोगों की खर्च करने की क्षमता बढ़ेगी और घरेलू खपत को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
आयकर सुधार से मध्यम वर्ग को मिलेगी राहत
CII ने व्यक्तिगत आयकर में भी सुधार की वकालत की है। उसने 20 लाख रुपये तक की वार्षिक आय पर सीमांत कर दर को घटाने का सुझाव दिया है। वर्तमान में व्यक्तियों पर अधिकतम 42.74% की दर से कर लगाया जाता है, जबकि कॉरपोरेट टैक्स केवल 25.17% है।
कम कर दर से मध्यम और निम्न आय वर्ग के लोगों की खर्च करने की शक्ति बढ़ेगी। इससे घरेलू बाजार में मांग बढ़ेगी, जो आर्थिक वृद्धि को गति देने में मदद करेगी। इस कदम से आयकरदाताओं को राहत मिलेगी और सरकार को भी अधिक राजस्व प्राप्त हो सकता है।
वाउचर योजना और पीएम-किसान में वृद्धि का सुझाव
CII ने निम्न आय वर्ग के लिए खर्च वाउचर योजना शुरू करने का भी सुझाव दिया है। इन वाउचर्स को केवल विशेष वस्तुओं और सेवाओं के लिए सीमित समय (6-8 महीने) तक इस्तेमाल किया जा सकेगा। यह योजना उपभोग को बढ़ाने और बाजार को सक्रिय रखने में मदद कर सकती है।
इसके अलावा, सीआईआई ने पीएम-किसान योजना के तहत किसानों को मिलने वाली सालाना सहायता राशि को 6,000 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये करने का प्रस्ताव भी रखा है। इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी और किसानों की क्रय शक्ति में वृद्धि होगी।
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