नई दिल्लीः Industrialist और Reliance Industries Limited (RIL) के चेयरमैन Mukesh Ambani ने 2016 में Reliance Jio के साथ दूरसंचार उद्योग में उतरने के फैसले को अपने जीवन का 'सबसे बड़ा जोखिम' बताया है। फिर भी उन्होंने Digital India के बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए यह फैसला लिया।

Mukesh Ambani ने 4G नेटवर्क में इन्वेट किए अरबों रुपए

Global Management Consulting कंपनी 'McKinsey & Company' के साथ बात चीत में Mukesh Ambani ने कई पहलुओं पर खुलकर बात रखी उन्होंने बताया कि Reliance Industries ने 4-G Mobile Network लॉन्च करने में खुद के अरबों डॉलर का निवेश किया है। कुछ विश्लेषकों ने कहा कि यह वित्तीय रूप से सफल नहीं हो सकता है, क्योंकि भारत सबसे उन्नत डिजिटल तकनीक के लिए तैयार नहीं है।

भारत में तेजी बढ़ा इंटरनेट

इस पर मैंने अपने Board of Directors से कहा कि सबसे खराब स्थिति यह होगी कि हमें ज्यादा 'रिटर्न' नहीं मिलेगा। रिलायंस के तौर पर यह भारत में हमारा अब तक का सबसे बड़ा परोपकारी काम होगा, क्योंकि हम भारत को डिजिटल बनाकर देश को पूरी तरह बदल चुके होंगे।

बाकी कंपनियों को घटानी पड़ी कीमत

एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि 2016 में JIO के आने के बाद से Jio ने मुफ्त 'Voice Call' और बेहद कम कीमत वाला Data देकर Indian telecom market में क्रांति ला दी है, जिससे Competitors को कीमतें कम करने पर मजबूर होना पड़ा।

उन्होंने कहा कि हमारा मानना ​​है कि आखिरकार आप इस दुनिया में कुछ भी नहीं लेकर आते हैं और कुछ भी नहीं लेकर जाते हैं। आप जो पीछे छोड़ जाते हैं वह एक संस्था है। Mukesh Ambani ने कहा कि Jio के आने से पहले भारत में Mobile Internet महंगा था।

इसके आने से कीमतों में उतार-चढ़ाव शुरू हो गया, जिससे Data की कीमत में काफी कमी आई। ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में रहने वाले लोगों सहित लाखों भारतीयों के लिए Internet का उपयोग सस्ता हो गया। भारत में अब 80 करोड़ से अधिक Internet Users हैं, जो इसे वैश्विक स्तर पर सबसे बड़े Online Marketplaces में से एक बनाता है।

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