भारत के लिए कचरा सबसे बड़ी समस्या बना हुआ है और देश के कई शहरां में कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ आपको देखने को मिल जाएंगे लेकिन अगर हम आपसे कहें कि भारत के ही एक शहर में कूड़े से तैयार होने वाली Bio-CNG से बसें चलती हैं तो शायद आप विश्वास नहीं करेंगे। हालांकि, यह बिल्कुल सच है, इस शहर में बसें कचरे के जरिए ही फर्राटा भरती हैं।
इस शहर ने किया है कमाल
पूरे देश में स्वच्छता के मामले में सालों से पहले नंबर पर काबिज मध्य प्रदेश के Indore शहर ने ये कमाल कर दिखाया है। यहां पर सालां से कचरे से निकलने वाले Bio-CNG के जरिए ही सिटी बसों का संचालन किया जा रहा है और नगर निगम को इससे मोटी कमाई भी हो रही है। इंदौर शहर की यह पहल दूसरे Cities के लिए एक मिसाल बनी हुई है। हालांकि, तमाम शहर अभी भी इसे अपना नहीं पा रहे हैं और कूड़े के ढेर के नीचे दबे हुए हैं।
जानिए कैसे तैयार होती है Bio-CNG
साल 2018 से ही Indore शहर कचरे के जरिए बायो-सीएनजी को तैयार कर रहा है। दरअसल, शहर की देवी अहिल्याबाई सब्जी मंडी से हर दिन 20 से 30 टन कचरा रोज निकलता है। इसकी सबसे खास बात यह है कि यह कचरा पूरी तरह से बायोडिग्रेडेबल होता है। ऐसे में इंदौर नगर निगम ने इसके निपटान का बेहतरीन तरीका अपनाया हुआ है। शहर में लगाए गए Bio-CNG प्लांट में हर दिन 20 टन तक गीले कचरे की खपत हो जाती है।
इसके जरिए Bio गैस तैयार होती है। इस गैस से न सिर्फ निगम शहर में City Buses का संचालन करता है, बल्कि इसे दूसरे Refill Stations पर सप्लाई करके अच्छी-खासी आमदनी भी अर्जित करता है। इस पहल से कूड़े के निस्तारण के लिए हर महीने खर्च होने वाली लाखों रूपए की रकम भी बच रही है और अतिरिक्त आय भी हो रही है।
हर दिन इतनी होती है तैयार
इंदौर नगर निगम ने 2024 के सितंबर महीने में गोवर्धन प्लांट लगाया था, जिसके जरिए हर दिन करीब 17,000 किलो Bio-CNG तैयार होती है। इसका प्रयोग शहर में ईंधन के रूप में किया जा रहा है। इस प्रक्रिया से हर साल करीब 1.30 लाख टन कार्बन डाई ऑक्साइड की बचत होती है, इसे यहां का वातावरण भी काफी शुद्ध रहता है।
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