भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने 67 वर्ष की उम्र में सबसे लंबे समय तक इस पद पर बने रहने का रिकॉर्ड कायम किया है। उनका कार्यकाल 10 दिसंबर 2024 को समाप्त हो रहा है। हालांकि, इस बार उन्हें सेवा विस्तार मिलने की संभावना कम जताई जा रही है। विधानसभा चुनावों के बाद सरकार नए गवर्नर की नियुक्ति प्रक्रिया शुरू कर सकती है।
शक्तिकांत दास का कार्यकाल और उनकी उपलब्धियां
2018 में RBI गवर्नर का पद संभालने वाले शक्तिकांत दास ने न केवल देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती दी बल्कि कोरोना महामारी के दौरान चुनौतीपूर्ण समय में बेहतर प्रदर्शन किया। इसके चलते उन्हें पहले तीन साल का सेवा विस्तार मिला था। दास के कार्यकाल में भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 700 अरब डॉलर तक पहुंचा, जो वैश्विक स्तर पर चौथे स्थान पर है। यह उनके नेतृत्व में आर्थिक स्थिरता का बड़ा संकेत है।
अगर उन्हें 18 महीने या उससे अधिक का नया सेवा विस्तार मिलता है, तो वह RBI के इतिहास में सबसे लंबे समय तक गवर्नर रहने वाले व्यक्ति बन जाएंगे। इससे पहले बेनेगल रामा राव 1949 से 1957 तक करीब 7.5 साल इस पद पर रहे थे।
RBI की मौद्रिक नीति और संभावित निर्णय
आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक 4-6 दिसंबर के बीच होगी। इस दौरान दास ब्याज दरों में कटौती का अंतिम फैसला ले सकते हैं। हाल ही में केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल के सुझाव पर दास ने संकेत दिया था कि इसका जवाब दिसंबर में मिलेगा। हालांकि, अंतिम निर्णय MPC के माध्यम से होगा।
अर्थशास्त्रियों का मानना है कि महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को संभालने में दास की भूमिका अहम रही है। कोटक महिंद्रा बैंक की मुख्य अर्थशास्त्री उपासना भारद्वाज का कहना है कि दास ने अविश्वसनीय काम किया है, और उनके कार्यकाल को बढ़ाने की संभावना अधिक है। शक्तिकांत दास का नेतृत्व भारतीय आर्थिक संरचना को मजबूती देने के लिए हमेशा याद किया जाएगा।
Also Read : Tata Motors Share: कितने भरोसे के लायक है टाटा मोटर्स के शेयर, जानिए खरीदना चाहिए या नहीं