Indian oil कॉर्पोरेशन (IOC) ने हाल ही में अपनी दूसरी तिमाही के वित्तीय परिणामों की घोषणा की, जिसमें कंपनी के मुनाफे में अप्रत्याशित गिरावट देखने को मिली है। सितंबर 2024 में समाप्त तिमाही में, IOC का मुनाफा 12,967 करोड़ रुपये से घटकर सिर्फ 180 करोड़ रुपये रह गया, जो 99% की कमी दर्शाता है। इस गिरावट के पीछे कई प्रमुख कारण हैं।
Indian oil पर मानसून का असर और गिरती मांग
कंपनी (Indian oil) के अनुसार, इस भारी गिरावट का मुख्य कारण मॉनसून के मौसम में ईंधन की मांग में कमी है। हर साल की तरह, जून से शुरू होने वाले मानसून सीजन के दौरान भारत में ईंधन की खपत में कमी देखी जाती है।
बाढ़ के कारण सड़क और परिवहन सेवाओं पर असर पड़ता है, जिससे ईंधन की आवश्यकता कम हो जाती है। इसके अलावा, अगस्त और सितंबर में भारत में ईंधन की खपत में गिरावट दर्ज की गई, जो दो साल के निचले स्तर पर पहुंच गई।
वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट
Indian oil के मुनाफे में कमी का एक और प्रमुख कारण वैश्विक कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट है। सितंबर 2024 में समाप्त तिमाही में कच्चे तेल की कीमतों में लगभग 17% की कमी आई।
इससे कंपनी के ग्रॉस रिफाइनिंग मार्जिन (GRM) में भी गिरावट आई है, जो अप्रैल-सितंबर 2024 के दौरान 4.08 डॉलर प्रति बैरल रह गया, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 13.12 डॉलर प्रति बैरल था। GRM कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधनों में बदलने से होने वाले लाभ को मापता है।
वित्तीय स्थिति का संक्षिप्त विश्लेषण
इस तिमाही में IOC का कुल खर्च बढ़कर 1.97 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 1.86 लाख करोड़ रुपये था। कंपनी का EBITDA 3,773 करोड़ रुपये रहा, जबकि EBITDA मार्जिन 2.17% था।
जून 2024 की तिमाही की तुलना में, मुनाफा 93% कम हुआ है। इसके परिणामस्वरूप, निवेशकों की चिंताएं बढ़ गई हैं, और सोमवार को NSE पर IOC के शेयर 0.4% की गिरावट के साथ 145.74 रुपये पर बंद हुए।