नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने ऑनलाइन Betting Apps के मामलों की जांच के तहत टेक कंपनियों गूगल और मेटा को नोटिस जारी किया है। ईडी ने इन कंपनियों को 21 जुलाई को पूछताछ के लिए बुलाया है। यह कार्रवाई उस समय की गई है जब ईडी ने मुंबई में एक बड़े डिब्बा व्यापार और ऑनलाइन सट्टेबाजी मामले में चार स्थानों पर छापेमारी की थी।
Betting Apps दे रहे जुए को बढ़ावा
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, ईडी ने गूगल और मेटा के विज्ञापन प्लेटफार्मों के माध्यम से Betting Apps को बढ़ावा देने की गतिविधियों को लेकर यह कदम उठाया है। एजेंसी का आरोप है कि ये कंपनियां उपयोगकर्ताओं तक इन अवैध Betting Apps की पहुंच को आसान बना रही हैं, जिससे धन शोधन निवारण अधिनियम, 2002 (पीएमएलए) का संभावित उल्लंघन हो रहा है।
हाल ही में की गई छापेमारी में ईडी ने 3.3 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, लग्जरी घड़ियां, आभूषण, विदेशी मुद्रा और लग्जरी वाहन जब्त किए थे। इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि तलाशी अभियान के दौरान नकदी गिनने वाली मशीनें भी पाई गई थीं, जिससे इस मामले की गंभीरता का पता चलता है।
विज्ञापनों की निगरानी के आदेश
ईडी की यह कार्रवाई डिजिटल विज्ञापन की दुनिया में वित्तीय अपराधों के प्रति सतर्कता बढ़ाने का संकेत देती है। टेक कंपनियों की जिम्मेदारी होती है कि वे अपनी प्लेटफार्मों पर चलने वाले विज्ञापनों की निगरानी करें, विशेषकर जब वे अवैध गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हों। इससे स्पष्ट होता है कि सरकारी एजेंसियां अब इस दिशा में कठोर कदम उठा रही हैं और ऐसे मामलों में डिजिटल कंपनियों को भी जवाबदेह ठहराया जा सकता है।
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नकेल कसने की तैयारी
यह स्थिति न केवल गूगल और मेटा के लिए, बल्कि अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मों के लिए भी एक चेतावनी के रूप में काम कर सकती है। ईडी द्वारा की गई इस कार्रवाई से यह भी साफ होता है कि भारत में ऑनलाइन Betting Apps के मामलों पर नकेल कसने के लिए सरकारी प्रयास बढ़ रहे हैं, और ऐसे मामलों में संबंधित कंपनियों की संलिप्तता की जांच जारी रहेगी।
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