RBI रिपोर्ट: आर्थिक नीतियों ने विश्व के केंद्र में पहुंचाई भारतीय अर्थव्यस्था

By Komal |

30 Jun 2025, 09:51 PM

मुंबई: देश की इकोनॉमी मजबूत आर्थिक नीतियों के कारण वैश्विक वृद्धि का प्रमुख केंद्र बनी हुई है। आर्थिक और व्यापार नीति में बढ़ती अनिश्चितताएं वैश्विक इकोनॉमी और वित्तीय प्रणाली की मजबूती की परीक्षा ले रही हैं। वैश्विक अनिश्चितताओं के बावजूद बैंकों और कंपनियों की मजबूत बैलेंस शीट के कारण भारत की वित्तीय प्रणाली स्थिर है।

RBI ने जारी किए आंकड़े

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने सोमवार को जारी अपनी Half-Yearly Financial Stability Report (FSR) में कहा कि वित्तीय बाजारों, खासकर Main government bond markets में अस्थिरता बनी हुई है, जो Policy और geopolitical changes से प्रभावित हो रही है। इसके साथ ही सार्वजनिक ऋण के उच्च स्तर और उच्च परिसंपत्ति कीमतों जैसी मौजूदा कमजोरियां नए संकटों को बढ़ा सकती हैं। RBI ने कहा कि Global economic scenario अनिश्चित और चुनौतीपूर्ण है। इसके बावजूद मजबूत आर्थिक आधार और समझदारी से बनाई गई नीतियों के कारण भारतीय इकोनॉमी वैश्विक वृद्धि की प्रमुख ताकत बनी हुई है।

Bank Loan वृद्धि धीमी होकर 4.9 प्रतिशत पर आ गई

RBI ने कहा कि 30 मई को समाप्त पखवाड़े में Bank Credit Growth में मंदी आई है। इस दौरान उद्योग को Bank Loan में 4.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 8.9 प्रतिशत थी। RBI ने 41 चुनिंदा Scheduled Commercial Banks (SCBs) से प्राप्त जानकारी के आधार पर मई 2025 के लिए Bank Loan पर डेटा जारी किया है। यह ऋण सभी वाणिज्यिक बैंकों द्वारा दिए गए कुल Non-food loans का लगभग 95 प्रतिशत है।

मार्च में बैंकों का सकल एनपीए 2.3 प्रतिशत पर

RBI ने सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा कि बैंकिंग प्रणाली की Gross Non-Performing Assets (GNPA) मार्च 2025 में एक दशक के निचले स्तर 2.3 प्रतिशत पर आ गई हैं। RBI द्वारा जारी रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2024 में बैंकों का GNPA 2.6 प्रतिशत था। रिजर्व बैंक की अर्ध-वार्षिक वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में कहा गया है कि 46 बैंकों का GNPA मार्च 2027 तक बढ़कर 2.6 प्रतिशत हो सकता है। उल्लेखनीय है कि RBI के गवर्नर संजय मल्होत्रा ​​ने आज जारी एक बयान में कहा कि मूल्य स्थिरता की तरह, आर्थिक विकास के लिए वित्तीय स्थिरता भी आवश्यक है।