नई दिल्ली: लगातार बढ़ रही इलेक्ट्रिक कार की मांग के बीच Central government ने सोमवार को भारत में Electric Vehicles सेगमेंट में वैश्विक कार निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने के लिए एक नई Scheme शुरू की। इस Scheme का उद्देश्य भारत को Electric Car सेगमेंट में Global Manufacturing Center के रूप में विकसित करना है।

Tesla कंपनियां करेंगी निवेश

Government ने इस Scheme के तहत Tesla जैसी वैश्विक कार कंपनियों से निवेश आकर्षित करने के लिए कई प्रावधान किए हैं। इस Scheme के तहत कंपनियों को आवेदन की मंजूरी की तारीख से 5 साल की अवधि के लिए 15 प्रतिशत की कम सीमा शुल्क पर न्यूनतम 35,000 डॉलर के सीआईएफ (लागत बीमा और माल ढुलाई मूल्य) वाले Electric four wheel Vehicles की पूरी तरह से निर्मित इकाइयों (CBU) के Import करने की अनुमति होगी।

बढ़ेगी Annual import limit

Scheme के प्रावधान के अनुसार, जिन आवेदकों के आवेदन स्वीकृत होंगे, उन्हें कम से कम 4,150 करोड़ रुपये का निवेश करना होगा। इस Scheme के तहत Electric Car कंपनी एक साल में अधिकतम 8,000 यूनिट का आयात कर सकती है। इसके अलावा अप्रयुक्त Annual import limit को अगले वर्ष के लिए आगे बढ़ाया जा सकता है।

अधिसूचना के अनुसार, इस Scheme के तहत Import किए जाने वाले Electric Vehicles की अधिकतम संख्या ऐसी होगी कि प्रति आवेदक अधिकतम शुल्क छूट 6,484 करोड़ रुपये या न्यूनतम निवेश सीमा 4,150 करोड़ रुपये, जो भी कम हो, तक सीमित होगी।

Electric Car निर्माताओं को मिलेगी सुविधा

अधिसूचना में कहा गया है कि यदि Scheme के तहत निवेश ब्राउनफील्ड परियोजना पर किया जाता है, तो मौजूदा Electric Car Manufacturing सुविधाओं के साथ स्पष्ट भौतिक सीमांकन किया जाना चाहिए। आधिकारिक बयान के अनुसार, यह Scheme वैश्विक ईवी निर्माताओं से निवेश आकर्षित करने और भारत को ई-वाहनों के Manufacturing केंद्र के रूप में बढ़ावा देने में मदद करेगी। इसमें यह भी कहा गया है कि यह Scheme भारत को ईवी Manufacturing के लिए वैश्विक मानचित्र पर लाने, रोजगार पैदा करने और 'मेक इन इंडिया' के लक्ष्य को प्राप्त करने में भी मदद करेगी।

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