India-US trade: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित व्यापार सौदे में कुछ मुद्दों पर मामला फंसता नजर आ रहा है। 4 से 10 जून के बीच दिल्ली में भारत और अमेरिका के प्रतिनिधियों के बीच India-US trade से जुड़े सभी मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई थी। इसके बाद अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल के कुछ सदस्य वापस लौट गए, जबकि कुछ सदस्य अभी भी भारतीय प्रतिनिधिमंडल से बातचीत कर रहे हैं।
India-US trade: भारत ने खारिज की अमेरिका की मांग
बताया जा रहा है कि भारत ने कृषि, डेयरी, मेडिकल और डिजिटल सेवाओं को लेकर अमेरिका की मांग को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिका इन सेक्टरों को खोलने के लिए दबाव बना रहा है लेकिन भारत ने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया है।
भारतीय पक्ष का मानना है कि India-US trade पूरी तरह से संतुलित होना चाहिए, ताकि दोनों देशों के हितों का परस्पर ध्यान रखा जा सके। भारत और अमेरिका दोनों ही डोनाल्ड ट्रंप की सरकार द्वारा शुरू की गई टैरिफ नीति को ध्यान में रखते हुए व्यापार सौदा करना चाहते हैं। फिलहाल डोनाल्ड ट्रंप ने 8 जुलाई तक पारस्परिक टैरिफ पर रोक लगा रखी है।
अमेरिका पहले से ही बना रहा दबाव
यही वजह है कि दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडल 8 जुलाई से पहले India-US trade को अंतिम रूप देना चाहते हैं, ताकि दोनों देशों के आपसी व्यापार पर कोई असर न पड़े। ट्रेड डील को लेकर शुरू हुई वार्ता में अमेरिकी पक्ष पहले से ही डेयरी और कृषि क्षेत्र को खोलने का दबाव बना रहा है।
वहीं भारत ने इन क्षेत्रों को संवेदनशील मानते हुए इन्हें खोलने से इनकार कर दिया है। भारतीय पक्ष का मानना है कि अगर डेयरी और कृषि जैसे क्षेत्रों को पूरी तरह से खोल दिया गया तो इन क्षेत्रों में विदेशी कंपनियों से प्रतिस्पर्धा को नियंत्रित करना मुश्किल हो जाएगा, जिससे भारतीय कारोबारियों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
व्यापार के लिए नहीं दिख रही कोई उम्मीद
विशेषज्ञों का कहना है कि भारत द्वारा इन क्षेत्रों को खोलने से साफ इनकार करने के कारण India-US trade डील के बीच गतिरोध पैदा हो गया है। अमेरिका का कहना है कि अगर भारत इन क्षेत्रों को खोलने के लिए तैयार नहीं होता है तो दोनों देशों के बीच कोई ट्रेड डील नहीं हो सकती है।
विशेषज्ञों के मुताबिक अमेरिकी पक्ष भारत से कृषि वस्तुओं और डेयरी उत्पादों पर शुल्क में बड़ी कटौती की मांग कर रहा है, लेकिन बदले में वह भारतीय उत्पादों को अमेरिकी बाजार में आसानी से प्रवेश देने को तैयार नहीं है।
बताया जा रहा है कि वार्ता के दौरान दोनों पक्ष जल्द से जल्द ट्रेड डील को अंतिम रूप देने पर सहमत हो रहे हैं, लेकिन जिन मुद्दों पर गतिरोध है, उनका कोई समाधान होता नहीं दिख रहा है। हालांकि, दावा किया जा रहा है कि 8 जुलाई से पहले कोई न कोई समाधान निकाल लिया जाएगा, ताकि India-US trade समझौते को अंतिम रूप दिया जा सके।
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