डोनाल्ड ट्रंप भले ही टैरिफ वार के जरिए पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को उलटने-पलटने में जुटे हों लेकिन भारत तेजी से अपने कदम बढ़ा रहा है। अब भारत ने Semiconductor को लेकर बड़ा फैसला लिया है और केंद्र सरकार ने तीन सेमीकंडक्टर यूनिट्स को मंजूरी दे दी है। जल्द ही ये तीनों यूनिट्स से Semiconductor का कंस्ट्रक्शन भी शुरू हो जाएगा।
तेजी से बढ़ रही Semiconductor की डिमांड
Semiconductor की डिमांड पिछले कुछ वर्षों में काफी तेजी से बढ़ी है। इसकी मैन्युफैक्चरिंग करने वाली कंपनियों की संख्या काफी कम है, ऐसे में तेजी से बढ़ रही इसकी डिमांड को पूरा करने में उन्हें काफी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऐसे में भारत सेमीकंडक्टर को लेकर पिछले कुछ वर्षों से काफी सक्रिय है और सरकार ने बड़ा कदम उठाते तीन Units को मंजूरी दे दी है।
यहां लगेगी प्लांट
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पीएम नरेंद्र मोदी ने देश में Semiconductor Unit को लगाने का बड़ा फैसला लिया है। बताया कि पहली यूनिट टाटा ग्रुप और पावरचिप-ताइवान की होगी, जो कि गुजरात राज्य के धोलेरा में एस्टैबलिश होगी। केंद्रीय मंत्री ने आगे बताया कि इन तीनों यूनिट्स में कुल मिलाकर 1.26 लाख करोड़ रूपए का भारी-भरकम इन्वेस्टमेंट होने वाला है।
कहा कि इन तीनों प्लांट्स में 50,000 वेफर्स की Manufacturing होगी और सालाना आधार पर करीब 300 करोड़ की चिप्स तैयार होंगी। बताया कि असम राज्य में भी पूर्वोत्तर की पहली सेमीकंडक्टर यूनिट स्टैबलिश होगी। इन तीनों सेमीकंडक्टर Units के जरिए करीब 20,000 टेक्नोलॉजी जॉब्स और लगभग 60,000 इनडायरेक्टर जॉब्स लोगों को मिलने वाली है। इसके अलावा तेजी से भारत सेमीकंडक्टर के मामले में भी आत्मनिर्भर होगा।
देश के पास चिप डिजाइन की क्षमता
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा जो तीन Units को स्थापित करने का निर्णय लिया गया है, उससे देश में सेमीकंडक्टर को लेकर एक इकोसिस्टम तैयार होगा। देश के पास चिप डिजाइन करने की बड़ी क्षमता है और इन यूनिट्स के स्थापना के साथ ही चिप फैब्रिकेशन में भी क्षमता बनेगी। बता दें कि सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग के लिए करीब दो साल पहले केंद्र सरकार ने इंसेटिव्स देने की घोषणा की थी, जिसके बाद से ही इसको लेकर माहौल बनना तैयार हो गया था।
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