मोदी सरकार की मेक इन इंडिया स्कीम से मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग बूस्ट होने से भारत Mobile Phone Export के फील्ड में अपनी धाक जमा रहा है। सरकार तेजी से इस क्षेत्र को बढ़ाने में जुटी हुई है। अब ICEA की एक रिपोर्ट ने भविष्य में भारत के Mobile Phone Export में महाशक्ति बनने की झलक पेश कर दी है। इससे पड़ोसी देश चीन की टेंशन बढ़नी तय है।
Mobile Phone Export को लेकर इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन (ICEA) ने एक नए रिकॉर्ड बनने का अनुमान जाहिर किया है। अनुमान जताया गया है कि वित्त वर्ष 2025 में भारत का मोबाइल फोन एक्सपोर्ट 1.8 लाख करोड़ के भी पार पहुंच सकता है यानी इंडस्ट्री में 40% की ग्रोथ आ सकती है। दरअसल, भारत इस समय अमेरिकी मोबाइल कंपनियों एप्पल और गूगल के लिए प्रिफर्ड मैन्युफैक्चरिंग हब बन गया है। इसके अलावा और भी विदेशी कंपनियां भारत में अपना मैन्युफैक्वचरिंग प्लांट लगाने का प्लान बना रही हैं।
PLI स्कीम से बूस्ट हुआ भारत का Mobile Phone Export
इंडियन सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक एसोसिएशन ने बताया है कि वित्त वर्ष 2020-2021 में केंद्र सरकार द्वारा लॉन्च किए गए PLI स्कीम की वजह से निर्यात में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। बताया गया है कि इस स्कीम से करीब 40% का उछाल आया है और यह 1,29,000 को पार कर गया है। स्कीम शुरू होने से लेकर अब तक इसमें करीब 680% से अधिक वृद्धि का अनुमान जाहिर किया जा रहा है।
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अमेरिका में सबसे ज्यादा Export हो रहा भारत में बना मोबाइल फोन
भारत के Global Manufacturing Hub बनने में सबसे ज्यादा योगदान अमेरिकी कंपनियों एप्पल, फॉक्सकॉन और डिस्कॉन टेक्नोलॉजी आदि का रहा है। भारत में बनने वाला स्मार्टफोन सबसे ज्यादा अमेरिका में ही एक्सपोर्ट हो रहा है। अप्रैल 2024 से लेकर जनवरी 2025 के बीच भारत के Mobile Phone Export पर नजर डालें तो यह 25,000 करोड़ रूपए के पार पहुंच गया है।
भारत बन रहा Global Manufacturing Hub
Mobile Phone Export में तेजी से बढ़ोत्तरी इसलिए हो रही है क्योंकि PLI स्कीम के चलते भारत में मोबाइल का प्रोडक्शन दोगुना हो गया है। वित्त वर्ष 2021 में यह 2.20 लाख करोड़ रूपए था, वह वित्त वर्ष 2024 में 4.22 लाख करोड़ रूपए हो गया है। ICEA की रिपोर्ट की मानें तो वित्त वर्ष 2025 में भारत का मोबाइल प्रोडक्शन 5.1 लाख करोड़ तक पहुंच सकता है, जिससे भारत को Global Manufacturing Hub बनने में देर नहीं लगेगी।
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