भारत सरकार ने एक अक्टूबर से पीएम ई-ड्राइव योजना की शुरुआत कर दी है, जिसका लक्ष्य देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) की संख्या को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत 10,900 करोड़ रुपये का परिव्यय रखा गया है, जिसका लाभ करीब 20 लाख इलेक्ट्रिक वाहन खरीदारों को मिलेगा।
भारत सरकार देगी सब्सीडी
फेम (FAME) सब्सिडी खत्म होने के बाद, पीएम ई-ड्राइव को एक नई सब्सिडी स्कीम के रूप में लाया गया है। यह योजना 1 अक्टूबर 2024 से 31 मार्च 2026 तक प्रभावी रहेगी।
इसके तहत इलेक्ट्रिक वाहनों के चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को सुधारना और ईवी मैन्युफैक्चरिंग इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करना मुख्य उद्देश्यों में शामिल है।
भारत सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी की राशि और लाभ
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए बैटरी पावर के आधार पर 5,000 रुपये प्रति किलोवॉट घंटा की सब्सिडी दी जाएगी। दूसरे वर्ष में यह राशि घटकर 2,500 रुपये प्रति किलोवॉट घंटा हो जाएगी, जिससे कुल लाभ 5,000 रुपये से ज्यादा नहीं होगा।
इस समय ओला, टीवीएस, ऐथर एनर्जी, हीरो विडा और चेतक बजाज जैसी कंपनियों की बैटरी क्षमता 2.88 से 4 किलोवॉट घंटा तक है, जिनकी कीमत 90,000 से 1.5 लाख रुपये के बीच है।
भारत सरकार से सब्सिडी प्राप्त करने का सरल तरीका
इस योजना को सरल बनाने के लिए एक मोबाइल ऐप विकसित किया जाएगा, जिसके माध्यम से योजना के तहत सब्सिडी के लिए ई-वाउचर तैयार किया जा सकेगा।
भारी उद्योग मंत्रालय के अडिशनल सेक्रेटरी हनीफ कुरैशी ने बताया कि एक आधार नंबर के साथ एक वाहन को ही अनुमति होगी, और जैसे ही वाहन बिकेगा, ई-वाउचर तैयार हो जाएगा।
विभिन्न सेगमेंट के लिए सब्सिडी
पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत इलेक्ट्रिक 2-व्हीलर, 3-व्हीलर, इलेक्ट्रिक ऐम्बुलेंस, इलेक्ट्रिक ट्रक और अन्य वाहनों के लिए कुल 3,679 करोड़ रुपये की सब्सिडी निर्धारित की गई है। योजना के तहत 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख इलेक्ट्रिक तिपहिया और 14,028 ई-बसों को प्रोत्साहन मिलेगा।
इलेक्ट्रिक रिक्शा समेत तिपहिया वाहनों को पहले वर्ष में 25,000 रुपये की प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जिसे दूसरे वर्ष में घटाकर 12,500 रुपये कर दिया जाएगा।
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