नई दिल्ली: भारत तत्काल भुगतान में वैश्विक अग्रणी बनकर उभरा है। अकेले जून में ही UPI के माध्यम से 18.39 अरब लेनदेन के ज़रिए 24.03 लाख करोड़ रुपये के लेनदेन हुए। यह जानकारी रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) द्वारा जारी एक नोट में दी गई।
UPI लेनदेन में 32 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी
पिछले महीने, UPI लेनदेन की संख्या में सालाना आधार पर 32 प्रतिशत की वृद्धि हुई। पिछले साल जून में UPI लेनदेन की संख्या 13.88 अरब थी। IMF की रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में UPI भारत में सभी डिजिटल लेनदेन का 85 प्रतिशत और दुनिया भर में सभी रीयल-टाइम डिजिटल भुगतानों का 50 प्रतिशत है।
VISA जैसी कंपनी को किया पीछे
रिपोर्ट में बताया गया कि यूपीआई हर दिन 60 करोड़ से ज्यादा का ट्रांजेक्शन करता है। इसका साफ मतलब है कि ये VISA ग्लोबल कंपनियों से कहीं अधिक है, यह उपलब्धि काफी महत्वपूर्ण है।इसने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जिससे देश भर के लोगों, खासकर ग्रामीण और छोटे शहरों के लोगों को आसान और किफायती तरीके से डिजिटल वित्तीय सेवाओं तक पहुँचने में मदद मिली है।
यूपीआई का प्रभाव केवल भारत तक ही सीमित नहीं है। यह पहले से ही संयुक्त अरब अमीरात, सिंगापुर, भूटान, नेपाल, श्रीलंका, फ्रांस और मॉरीशस सहित सात देशों में मौजूद है। फ्रांस में इसकी शुरुआत यूरोप में इसके प्रवेश का प्रतीक है, जिससे वहाँ यात्रा करने वाले या रहने वाले भारतीयों को निर्बाध भुगतान करने की सुविधा मिलती है।
यह भी पढ़ेंः-Facebook ने बंद कर दिए करोड़ों अकाउंट, जानिए कंपनी ने क्यों किया ऐसा
भारत की स्थिति मजबूत
भारत ब्रिक्स समूह में भुगतान मानक के रूप में यूपीआई को अपनाने की भी वकालत कर रहा है, जिसने हाल ही में छह नए सदस्य देशों को जोड़ा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर इसे स्वीकार कर लिया जाता है, तो यह सीमा पार भुगतान को तेज़, सस्ता और अधिक सुरक्षित बना सकता है, जिससे वैश्विक डिजिटल नेता के रूप में भारत की स्थिति और मजबूत होगी।
भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (एनपीसीआई) द्वारा 2016 में लॉन्च किए गए यूपीआई ने डिजिटल भुगतान को सरल, तेज़ और सुलभ बना दिया है। मोबाइल फ़ोन पर बस कुछ ही टैप से, उपयोगकर्ता व्यापारियों को भुगतान कर सकते हैं, दोस्तों को पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं या अपने बैंक खातों का प्रबंधन कर सकते हैं। इसकी सुविधा और गति ने इसे व्यक्तियों और व्यवसायों, दोनों के बीच एक लोकप्रिय विकल्प बना दिया है।
हमारे WhatsApp चैनल को अभी फॉलो करें ताज़ा ख़बरों और अपडेट्स के लिए।