नई दिल्ली: Global Level पर Tariff uncertainty के बीच भारत का आधार मजबूत बना हुआ है और आने वाले समय में विकास में तेजी आएगी। HSBC Mutual Fund द्वारा सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया है कि Tariff war के कारण सुरक्षित संपत्तियों की मांग उच्च स्तर पर बनी हुई है।
India दे रहा विकास को बढ़ावा
इससे पूंजी का बहिर्वाह हो रहा है, जिससे India जैसी उभरती Economies की मुद्रा पर दबाव पड़ रहा है। आउटलुक रिपोर्ट में कहा गया है कि अमेरिका के साथ India की कनेक्टिविटी, देश की व्यापार कूटनीति और नीतिगत दृष्टिकोण ने वैश्विक स्तर पर व्यापार और विकास परिदृश्य को प्रभावित करने वाली टैरिफ चिंताओं के बीच India को Leaderboard पर रखा है। India में inflation में कमी ने RBI MPC को नीतिगत सहजता के माध्यम से विकास को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करने का अवसर दिया है।
आरबीआई की दरों से प्रभाव
MPC के Neutral Stance अपनाने का मतलब है कि भविष्य में दरों में कटौती की गुंजाइश सीमित हो सकती है और यह आंकड़ों पर भी निर्भर करेगा। HSBC की रिपोर्ट में कहा गया है कि हमें अक्षय ऊर्जा में निजी पूंजीगत व्यय में भी वृद्धि की उम्मीद है। रिपोर्ट के अनुसार आरबीआई दरों पर Monetary policy के त्वरित प्रभाव के लिए सिस्टम में अधिशेष तरलता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगा। हमारा मानना है कि भारत में विकास चक्र अपने निचले स्तर पर पहुंच चुका है।
Real estate की मजबूत जरूरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्याज दर और तरलता चक्र, कच्चे तेल की घटती कीमतें और सामान्य मानसून, सभी भविष्य में विकास की गति के लिए सहायक हैं। मध्यम अवधि में Real estate विकास का एक और मजबूत चालक बना हुआ है, जिसने उच्च ब्याज दरों के प्रभाव को झेला है। रिपोर्ट में कहा गया है कि शीर्ष मेट्रो शहरों में मांग का रुझान मजबूत बना हुआ है और इन्वेंट्री के स्तर में गिरावट आई है।
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