India-America Trade Deal लगभग फाइनल होने को है लेकिन कृषि उत्पादों पर लगने वाली इंपोर्ट ड्यूटी को लेकर अभी यह बीच में ही अटकी हुई है। अमेरिका अपने जेनेटिकली मॉडिफाइड फूड जैसे- मक्का और सोयाबीन पर Import Duty घटाने की मांग कर रहा है और वह चाहता है कि ये प्रोडक्ट भारत में सस्ते बिकें। भारत सरकार देश के किसानों को नुकसान से बचाने के लिए Import Duty न घटाने की बात पर अड़ी हुई है। आइए जानते हैं कि क्या है पूरा मामला।
9 July की है डेडलाइन
India-America Trade Deal को फाइनल करने की डेडलाइन 9 July 2025 तय की गई है लेकिन फिलहाल इस तारीख तक इस पर अंतिम मुहर लगना काफी मुश्किल माना जा रहा है। भारतीय अधिकारियों का कहना है कि अमेरिका चाहता है कि उसके जीएम फूड यानी जेनिटिकली मॉडीफाइड फूड सस्ते में बिकें लेकिन अगर ऐसा हो जाता है तो फिर भारतीयों किसानों को अपनी फसल बेचने में काफी मुश्किल होगी।
क्या है ये India-America Trade Deal
India-America Trade Deal एक प्रकार का भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता है। इसके तहत दोनों देश एक-दूसरे के सामान पर इंपोर्ट ड्यूटी घटाकर व्यापार को बढ़ाना चाहते हैं। भारत की मंशा है कि अमेरिका में टेक्सटाइल, चमड़ों, दवाइयों और कुछ इंजीनियरिंग सामाना पर जीरो टैक्स लगे, वहीं अमेरिका यह चाहता है कि उसके कृषि और औद्योगिक उत्पाद पर भारत में कम इंपोर्ट ड्यूटी लगे। कहा जा रहा है कि इसकी 9 July 2025 की डेडलाइन तक अगर यह समझौता नहीं होता है तो भारत के सामान पर अमेरिका 26% तक टैरिफ लगा सकता है।
अमेरिका की ये है डिमांड
अमेरिका का कहना है कि India-America Trade Deal के तहत भारत जीएम फसलों और अन्य कृषि उत्पादों पर आयात शुल्क को कम कर दें। इसके साथ ही मेडिकल डिवाइसेज और डेटा लोकलाइजेशन नियमों में भी ढील दे। इसके अलावा डेयरी प्रोडक्ट, गाड़ियों व व्हिस्की जैसे सामानों पर कम इंपोर्ट ड्यूटी लगाने की मांग कर रहा है। हालांकि, अब देखना होगा कि यह समझौता कब फाइनल होता है।
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