हाल ही में भारत सरकार ने झारखंड कि साढ़े आठ लाख महिलाओं को लखपति दीदी बनाने के लिए योजना शुरु कर दिया है। इस योजना के तहत लगभग 5 लाख ले भी ज्यादा महिलाएं लखपति दीदी भी बन गई है। सरकार अभी इस बात की चर्चा कर रही है कि इन महिलाओं की सालाना आए कम से कम एक लाख रुपये तक पहुंच जाए।
जिसके लिए ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत JSLPS काफी तेजी के साथ काम करने में लगा हुआ है। जिससे इस योजना को जल्द से जल्द इसके लक्ष्य पर पहुंचाया जा सके। इसी के साथ ही दूसरी तरफ विभाग के द्वारा इस योजना के अभिसरण का कार्य भी किया जा रहा है।
जानकारी के लिए आपको बता दें कि इस परियोजना के तहत आजीविका के लिए कृषि, गैर-कृषि, लघु वनोपज, कौशल विकास, बागवानी जैसे काम इस योजना के अंतर्गत जोड़े गए है।
फार्म वाले कार्य :
इस योजना के अंतर्गत सरकार ने सभी फार्म वाले कामों को जोड़ा है जिसमें कृषि, एंव बागवानी, तसर, मशरुम, मधुमक्खी पालन, पशुपालन, मत्स्य पालन, लघु वनोपन जैसे कार्यों को इस में जोड़ा हैं।
नॉन फार्म कार्य :
इस भाग में सरकार ने फॉर्म से बाहर काम करने वाले कार्य को जोड़ा है जिसमें व्यवसाय, उद्योग, प्रसंस्करण इकाई, हस्तशिल्प, कौशल विकास, प्रकृति संसाधन प्रंबधन आदि कार्य को इसमें शामिल किया है।
अभिसरण :
- आय सृजन के लिए स्थाई रुप से बुनियादी ढ़ांचा तैयार करना और संपत्ति का निमार्ण करना है।
- DAY-NLRS- ग्रामीण परिवार को इस योजना से ज्यादा से ज्यादा जोड़ाना।
- DDU-JKY-ग्रामीण युवकों को नि:शुल्क कौशल प्रशिक्षण देकर इन रोजगारों से जोड़ना।
- आरसेटी- के तहत स्वरोजगार और उद्यामिा
इस योजना में जुड़ने के लिए पात्रता :
इस योजना में जुड़ने के लिए सरकार द्वारा दी गई जानकारी के हिसाब से यह सब होना चाहिए-
- महिलाएं स्वयं सहायता समूह की सदस्य हो.
- जीविकोपार्जन गतिविधि शुरु करने के लिए महिलाओं के पास यह योजना होनी चाहिए जिससे वह संचारण आजीविका रजिस्टर में हो।
- आजीविका रजिस्टर के माध्यम से किसान की आय का पुनरीक्षण हर 6 महीने में किया जाना हैं।