नई दिल्ली: अग्रणी रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने भारत की अर्थव्यवस्था पर ताजा आउटलुक जारी किया है। आईसीआरए ने बुधवार को जारी अपने ताजा अनुमान में कहा है कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में भारत की वास्तविक GDP वृद्धि 6.50 प्रतिशत से अधिक रहेगी।
ग्रामीण इलाकों में रहेगी मजबूत मांग
एजेंसी ने सकल मूल्य वर्धित (GVA) वृद्धि 6.3 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी आईसीआरए ने जारी आउटलुक में कहा कि रबी फसलों से आय और जलाशयों का जलस्तर सामान्य से अधिक रहने के कारण ग्रामीण मांग मजबूत बनी रहेगी।
लगाया जा रहा ये अनुमान
इस दौरान राजकोषीय घाटा GDP का 4.4 प्रतिशत रहने का अनुमान है, जबकि चालू खाता घाटा 1 प्रतिशत रह सकता है। आईसीआरए ने अपनी रिपोर्ट में मुद्रास्फीति के बारे में कहा कि चालू वित्त वर्ष 2025-26 में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति 4.2 प्रतिशत से ऊपर रहने की उम्मीद है, जबकि थोक मूल्य सूचकांक (WPI) आधारित थोक मुद्रास्फीति 2.7 प्रतिशत से अधिक रहेगी।
GDP और GVA क्या है
सकल घरेलू उत्पाद (GDP) देश के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य निर्धारित करता है, जबकि सकल मूल्य वर्धित (GVA) उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य से मध्यवर्ती वस्तुओं और सेवाओं की लागत घटाकर प्राप्त किया जाता है।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने भी इस महीने जारी अपनी मौद्रिक समीक्षा में GDP वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया था। वैश्विक बैंकिंग समूह HSBC ने एक दिन पहले कैलेंडर वर्ष 2025 में भारत की विकास दर 6.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई थी।
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