GST Day: हर साल 1 जुलाई को भारत में 'GST Day' के रूप में मनाया जाता है। इस दिन आठ साल पहले 2017 में देश में सबसे बड़े कर सुधारों में से एक वस्तु एवं सेवा कर (GST) लागू किया गया था। देश में व्यापार को आसान बनाने के प्रयासों के तहत मोदी सरकार ने GST लागू किया था। इसमें राज्य सरकारों और केंद्र सरकार द्वारा लगाए जाने वाले विभिन्न करों को GST के तहत लगाया गया, ताकि नियमों का अनुपालन आसानी से हो सके और व्यापारी अलग-अलग करों की जगह एक कर चुकाकर आसानी से अपना व्यापार चला सकें।
2017 लागू हुई थी GST
GST 2017 में लागू किया गया था, लेकिन इसे लाने का विचार सबसे पहले साल 2000 में आया था। उस समय जीएसटी कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति बनाई गई थी। 2004 में समिति ने अपनी रिपोर्ट सरकार को सौंप दी थी। इसके दो साल बाद 2006 में अपने बजट भाषण में तत्कालीन केंद्रीय वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने 2010 में पूरे देश में GST लागू करने की घोषणा की, लेकिन इसके प्रावधानों को लेकर राज्यों और केंद्र सरकार के बीच मतभेद के कारण इसे लागू नहीं किया जा सका।
2015 में मिली मंजूरी
फिर 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद इस बिल पर तेजी से काम हुआ और मई 2015 में GST Bill को संसद ने मंजूरी दे दी। इसके बाद सितंबर 2016 में GST काउंसिल की पहली बैठक हुई और 1 जुलाई 2017 को इसे पूरे देश में लागू कर दिया गया। GST लागू करने का मकसद देश में 'एक देश-एक बाजार-एक कर' की सोच को लागू करना था। GST लागू होने के साथ ही सेवा कर, वैट, खरीद कर, उत्पाद शुल्क, मनोरंजन कर जैसे कई अन्य कर समाप्त हो गए।
तेजी से बढ़ा Collection
हालांकि, अब भी शराब, पेट्रोलियम उत्पाद और स्टांप ड्यूटी को जीएसटी से मुक्त रखा गया है और इन पर पुरानी कर व्यवस्था लागू है। GST लागू होने के बाद देश का कर संग्रह भी तेजी से बढ़ा है। Financial Year 24 में कुल 20.18 लाख करोड़ रुपये का GST Collection हुआ और इस दौरान औसत GST Collection 1.68 लाख करोड़ रुपये रहा।
वहीं, Financial Year 21 में यह आंकड़ा 11.37 लाख करोड़ रुपये रहा और इस दौरान औसत GST Collection 0.94 लाख करोड़ रुपये रहा। मई 2025 में GST Collection 2.01 लाख करोड़ रुपये रहा, जो मई 2024 के 1.72 लाख करोड़ रुपये से 16.4 फीसदी ज्यादा था।